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राजनीति के प्रमुख राष्ट्रीय नेता चौधरी अजीत सिंह के पुण्यतिथि पर जानें इनका जीवन परिचय

चौधरी अजीत सिंह (अंग्रेज़ी: Chaudhary Ajit Singh, जन्म- 12 फ़रवरी, 1939; मृत्यु- 6 मई, 2021) भारतीय राजनीतिज्ञ और राजनीति के प्रमुख राष्ट्रीय नेता थे. वह भूतपूर्व पीएम रहे चौधरी चरण सिंह के पुत्र थे. चौधरी अजीत सिंह एनडीए गवर्नमेंट में कृषि मंत्री रहे और 2011 से वह केन्द्र की यूपीए गवर्नमेंट में नागरिक उड्डयन मंत्री रहे थे. अजीत सिंह राष्ट्रीय लोकदल के संस्थापक और प्रमुख थे. पहले उन्होंने 1987 और 1988 के दौरान लोक दल (ए) और जनता पार्टी के अध्यक्ष के रूप में अध्यक्षता की. उन्होंने छह कार्यकालों के लिए बागपत निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में कार्य किया. उन्हें पहली बार 1989 में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया था. बाद में उन्होंने 1995, 2001 और 2011 में कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया.

परिचय

भूतपूर्व पीएम रहे चौधरी चरण सिंह के पुत्र और राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष चौधरी अजीत सिंह का जन्म 12 फ़रवरी, 1939 को मेरठ, यूपी में हुआ था लोकप्रिय जाट नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने वाले चुके अजीत सिंह ने लखनऊ यूनिवर्सिटी और आईआईटी खड़गपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों से शिक्षा ग्रहण की थी. सत्रह साल अमरीका में काम करने के बाद चौधरी अजीत सिंह साल 1980 में अपने पिता द्वारा स्थापित लोक दल को एक बार फिर एक्टिव करने के उद्देश्य से हिंदुस्तान लौटे थे इनके परिवार में पत्नी राधिका सिंह और दो बच्चे हैं अजीत सिंह के बेटे जयंत चौधरी मथुरा निर्वाचन क्षेत्र से पंद्रहवीं लोकसभा के सदस्य हैं

राजनीतिक सफर

वर्ष 1986 में राज्य सभा सदस्य के तौर पर संसद में प्रवेश करने वाले चौधरी अजीत सिंह सात बार लोकसभा सदस्य भी रह चुके थे 1987 में अजीत सिंह ने लोक दल (अजीत) नाम से लोक दल के अलग गुट का निर्माण किया एक साल बाद ही लोक दल (अजीत) का जनता पार्टी के साथ विलय कर दिया गया चौधरी अजीत सिंह इस नव निर्मित दल के अध्यक्ष बनाए गए जब जनता पार्टी, लोक दल और जन मोर्चा के विलय के साथ जनता दल का निर्माण किया गया तब चौधरी अजीत सिंह ही इसके महासचिव चुने गए

विश्वनाथ प्रताप सिंह के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट में चौधरी अजीत सिंह 1989-1990 तक केन्द्रीय उद्योग मंत्री रहे नब्बे के दशक में अजीत सिंह कांग्रेस पार्टी के सदस्य बन गए पी वी नरसिंह राव के काल में साल 1995-1996 तक वह खाद्य मंत्री भी रहे 1996 में कांग्रेस पार्टी के टिकट पर जीतने के बाद वह लोकसभा सदस्य बने लेकिन एक साल के भीतर ही उन्होंने लोकसभा और कांग्रेस पार्टी से त्याग-पत्र देकर ‘भारतीय किसान कामगार पार्टी’ का निर्माण किया अगले उपचुनावों में वह इसी दल के प्रत्याशी के तौर पर बागपत निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीते

सन 1998 में हुई हार उनके सियासी जीवन की एक मात्र असफलता है 1999 में अजीत सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल का निर्माण किया जुलाई 2001 के आम-चुनावों में इस दल का बीजेपी के साथ गठबंधन कर गवर्नमेंट का निर्माण किया गया अजीत सिंह को कैबिनेट मंत्री के तौर पर कृषि मंत्रालय का पदभार सौंपा गया था इसके बाद अजीत सिंह ने अपनी पार्टी को भाजपा और बीएसपी के गठबंधन में शामिल कर लिया लेकिन भाजपा और बसपा के अलग होने से कुछ समय पहले ही अजीत सिंह ने अपनी पार्टी को बसपा से अलग कर लिया, जिसके कारण बसपा गवर्नमेंट अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाई

मुलायम सिंह यादव के सत्ता में आने के साथ अजीत सिंह ने 2007 तक उन्हें अपना समर्थन दिया लेकिन किसान नीतियों में मदभेद के चलते उन्होंने अपना समर्थन वापस ले लिया 2009 के चुनावों में उन्होंने एनडीए के घटक के तौर पर चुनाव लड़ा और वह पंद्रहवीं लोकसभा में चुने गए

मृत्यु

‘राष्ट्रीय लोक दल’ के अध्यक्ष और पश्चिम उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय जाट नेता अजीत सिंह का कोविड-19 संक्रमण की वजह से 6 मई, 2021 को मृत्यु हो गया अजीत सिंह और उनकी पोती 22 अप्रैल को कोविड-19 संक्रमित हुये थे. इसके बाद से उनका उपचार गुरुग्राम के हॉस्पिटल में चल रहा था.आरएलडी प्रमुख और पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह के मृत्यु पर देशभर के नेताओं ने शोक जताया है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजित सिंह जी के मृत्यु से अत्यंत दु:ख हुआ है.

वे हमेशा किसानों के भलाई में समर्पित रहे. उन्होंने केंद्र में कई विभागों की जिम्मेदारियों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया. शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं. ओम शांति”.रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गाँधी और सपा के मुखिया अखिलेश यादव, बीएसपी नेता आदि ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए चौधरी अजित सिंह को श्रद्धांजलि दी है.

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