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राजस्थान किसानों के लिए भू-प्रबंध विभाग ने किसान गिरदावरी एप किया लांच

Rajasthan news: राजस्थान के किसान अब अपनी फसलों के खराबे का आकलन खुदकर पाएंगेइसके लिए भू-प्रबंध विभाग ने किसान गिरदावरी एप लांच कर दिया हैइसके इस्तेमाल से किसान फसल खराब होने के तुरंत बाद एप के जरिए गिरदावरी रिपोर्ट बना सकेंगेएप लांच होने का लाभ यह होगा कि किसानों को बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि या सरकारी नुमाइंदों का गिरदावरी के लिए प्रतीक्षा नहीं करना पड़ेगा

राजस्व मंडल अजमेर एवं भू-प्रबंध आयुक्त (नोडल अधिकारी, डीआईएलआरएमपी), भू-प्रबंध विभाग, जयपुर की ओर से सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के माध्यम से तीन प्रकार के मोबाइल एव तैयार करवाए गए हैं तथा तीनों ही एप प्ले स्टोर पर मौजूद हैं पहला किसान गिरदावरी एप है

सरकार ने किसान गिरदावरी एप के साथ-साथ राजस्व अधिकारी (पटवारी) एप और जनाधार खाता सीडिंग एप भी लॉंच कर दिए हैंइस एप के जरिए किसान के जनाधार से खाते और खसरे को जोड़ा जाएगासाथ ही खाते और खसरे को मैप भी किया जा सकता हैकिसान गिरदावरी एप को इस्तेमाल करने के लिए काश्तकारों को खराब हुए खेतों में जाना होगाएप को जनाधार नंबर से लॉग-इन करना होगा

इसके बाद कंफर्मेशन के लिए ओटीपी आएगाफिर किसानों को जिला,तहसील और पटवार मंडल सलेक्ट करना होगाखेत का खसरा नंबर डालते ही यह खुल जाएगाइसमें सिंचिंत,असिंचित एरिया,खेत में फसल की फोटो और प्रजाति डालकर सेव करना होगा

फिर किसानों को देशांतर और अक्षांक्ष भी डालना होगाएप के माध्यम से फसल के अतिरिक्त फूल, फल और बागवानी की गिरदावरी भी की जा सकेगीसारी डिटेल्स भेजने के बाद पटवारी इसे वेरिफाइ करेगा

आंकड़ों के लिए खेत पर जाना ही होगा

गिरदावरी कार्य में मुख्य बात यह है कि पूरी प्रक्रिया काश्तकार को अपने खेत में मौजूद रहकर करनी होगी क्योंकि जियो टैग के आधार पर पूरा कार्य होगा, जिसके कारण यह कार्य सबंधित खसरे में खड़े होकर या लगभग 50-60 फीट की परिधि में रहकर ही करना होगागिरदावरी को प्रमाणित करने के लिए भी एक राजस्व अधिकारी एप बनाया गया,जिससे पटवारी गिरदावरी को प्रमाणित करने का कार्य करेंगे एवं यदि काश्तकारों के खसरो में फसल खराबा हुआ है, तो खराबा दर्ज करने का कार्य पटवारी इसी एप से करेंगेकाश्तकार को गिरदावरी करने में सरलता रहें

इसके लिए तीसरा जनआधार सिडिंग एप बनाया गया है,जिसके माध्यम से काश्तकार अपना जनआधार पटवारी को मौजूद करवाएंगेपटवारी उस जनआधार को काश्तकार के खेत के खसरो से लिंक करेंगेजिसके बाद काश्तकार के खेत का खसरा जनआधार से लिंक हो जाएगाजैसे ही काश्तकार किसान गिरदावरी एप को लॉगिन करेगा,

उसको जनाधार से जुड़े खसरे ऑप्शन से गिरदावरी करने का ऑप्शन मिल जाएगाकिसानों ने भी गवर्नमेंट की और से तैयार किए गए तीनों एप को लाभ वाला कहा है

एफवीओ – इन एप के प्रयोग करने का लाभ ये होगा कि किसानों को बीमा कंपनियों के प्रतिनिधि या सरकारी नुमाइंदों का गिरदावरी के लिए प्रतीक्षा नहीं करना पड़ेगा साथ ही गिरदावरी में पक्षपात और गड़बड़ी की संभावना भी समाप्त हो जाएगी यह बात नागौर के डीडवाना के तहसीलदार कमलेश ने कही

 

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