जम्मू-कश्मीर में कानून व्यवस्था को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा…
जम्मू-कश्मीर में कानून प्रबंध को लेकर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बोला कि क्षेत्रीय पुलिस केंद्र शासित प्रदेश में कानून प्रबंध को कारगर ढंग से बनाए रखते हुए आतंकवाद से भी निपट रही है।
बारामूला जिले के शीरी प्रशिक्षण केंद्र में 510 रंगरूटों की पासिंग आउट परेड को संबोधित करते हुए एलजी ने बोला कि नार्को-आतंकवाद और मनोवैज्ञानिक युद्ध बड़े खतरों के रूप में उभर रहे हैं। पुलिस को अन्य सुरक्षा बलों के साथ मिलकर इन चुनौतियों का कारगर ढंग से मुकाबला करना होगा।
उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे तकनीक दिन-ब-दिन उन्नत होती जा रही है, नार्को-आतंकवाद और मनोवैज्ञानिक युद्ध हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभर रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर पुलिस को अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर इन खतरों का कारगर ढंग से मुकाबला करना होगा। जम्मू और कश्मीर पुलिस प्रतिभा से भरपूर है और उसने लोगों के सम्मान की रक्षा में कोई कसर नहीं छोड़ी है।”
एलजी ने कहा, “पिछले तीन सालों में स्थिति बहुत बदल गई है और आम आदमी शांतिपूर्ण जीवन जी रहा है। लेकिन, कुछ तत्व शांति को बाधित करने में लगे रहते हैं क्योंकि वे शांतिपूर्ण जीवन जीने वाले गरीब लोगों से खुश नहीं हैं। जम्मू और कश्मीर पुलिस को इन शांति विरोधी तत्वों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए।”
उन्होंने कहा, “अन्य चुनौतियां भी हैं जिनमें सामाजिक अपराध, दिन-प्रतिदिन के क्राइम और सामान्य पुलिसिंग शामिल हैं। मुझे बोलना होगा कि जम्मू और कश्मीर पुलिस राष्ट्र की सबसे अच्छी ताकत है।”
उन्होंने युवाओं को विभिन्न खेल संबंधी गतिविधियों में शामिल करने के लिए बड़े पैमाने पर नागरिक कार्रवाई कार्यक्रम प्रारम्भ करने के लिए पुलिस की सराहना की।
उन्होंने नए रंगरूटों से कहा, “आपको प्रतिज्ञा लेनी चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि आप आतंक और आतंकवाद के विरुद्ध लड़ेंगे। आपको आतंक को समाप्त करना ही अपना आखिरी लक्ष्य बनाना चाहिए।”
उन्होंने पुलिस उपाधीक्षक हुमायूं भट्ट और अन्य शहीद पुलिस बहादुरों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने बोला कि जम्मू और कश्मीर और पूरा राष्ट्र अपने राष्ट्र के लिए प्राण न्यौछावर करने के लिए इन नायकों का ऋणी है।
आईएएनएस