नगर निकाय चुनाव: ये सुनवाई हुई जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की अदालत में…
रांची : झारखंड नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना 3 सप्ताह में जारी करने के मुद्दे में सोमवार को उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। ये सुनवाई जस्टिस चंद्रशेखर और जस्टिस नवनीत कुमार की न्यायालय में हुई। उच्च न्यायालय की इस डबल बेंच की न्यायालय ने गवर्नमेंट की उस अपील को खारिज कर दिया जिसमें उन्होंने जस्टिस आनंदा सेन के निर्णय को चुनौती दी थी। न्यायालय ने मुद्दे में गवर्नमेंट को इस मुकदमा से जुड़े अपने सभी पक्ष न्यायालय के सामने रखने को कहा। इसके लिए उन्होंने दो सप्ताह का समय दिया है। दो सप्ताह बाद इस मुद्दे की फिर सुनवाई होगी।
क्या है पूरा मामला
दरअसल मुद्दा ये है कि झारखंड नगर निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी करने को लेकर पार्षद रोशनी खलखो और अरुण झा ने उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। इस मुद्दे में सुनवाई करते हुए जस्टिस आनंद सेन की न्यायालय ने गवर्नमेंट को तीन सप्ताह अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया। इस मुद्दे में गवर्नमेंट ने उच्चतम न्यायालय के ट्रिपल टेस्ट के कानून का हवाला दिया।
क्या बोला था गवर्नमेंट ने अपने पक्ष में
झारखंड गवर्नमेंट ने न्यायालय में अपना पक्ष रखते हुए बोला था कि उच्चतम न्यायालय ने ट्रिपल टेस्ट कराकर ही निकाय चुनाव कराने की बात कही है। जबकि अभी तक राज्य में ट्रिपल टेस्ट नहीं हुआ है। गवर्नमेंट के इस उत्तर पर याचिकाकर्ताओं का पक्ष रख रहे अधिवक्ता विनोद सिंह ने गवर्नमेंट के उत्तर को दिग्भ्रमित करने वाला बताया। उन्होंने बोला कि गवर्नमेंट 74वें एवं अन्य प्रावधानों का न केवल उल्लंघन कर ही रही है, बल्कि आधे-अधूरे उत्तर के साथ न्यायालय को भी अंधेरे में रख कर दिग्भ्रमित कर रही है।
झारखंड गवर्नमेंट को मिलने वाला आर्थिक सहायता फंसा
बता दें कि नगर निकाय चुनाव नहीं होने के कारण 15वें वित्त आयोग से झारखंड गवर्नमेंट को मिलने वाला लगभग 1600 करोड़ रुपये का आर्थिक सहायता फंस गया है। यह राशि राज्य के शहरों का विकास और नागरिक सुविधाएं विकसित करने के लिए राज्य को मिलती है। मालूम हो कि राज्य के 13 नगर निकायों में लंबे समय से नगर निकाय चुनाव लंबित है। वर्तमान में नगर निकायों का संचालन जनप्रतिनिधियों की स्थान प्रशासनिक पदाधिकारियों के माध्यम से कराया जा रहा है।