Nestle बेबी फूड में मिला रही चीनी, जानें क्या है पूरा मामला
Nestle की कठिनाई बढ़ने वाली है। कंपनी एक बार फिर से हिंदुस्तान गवर्नमेंट के जांच के घेरे में आ गयी है। कथित तौर पर गवर्नमेंट ने हिंदुस्तान में बेचे जा रहे नेस्ले के बेबी फूड चीनी मिलाये जाने की जांच करने को बोला है। स्विस जांच संगठन पब्लिक आई की रिपोर्ट में सामने आया है कि नेस्ले हिंदुस्तान में बेचे जा रहे बेबी फूड में चीनी मिला रही है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने पत्रकारों से बात करते हुए बोला कि विभाग ने Nestle के संबंध में रिपोर्ट का संज्ञान लिया है। मुद्दे की जांच की जाएगी। कंपनी पर इल्जाम है कि वो हिंदुस्तान जैसे विकासशील राष्ट्रों में बच्चों के दूध और सेरेलेक जैसे प्रोडक्ट्स में ज्यादा चीनी और नमक का प्रयोग करता है। वहीं, विकसीत राष्ट्रों में बगैर चीनी के बेचा जाता है। बता दें कि अमेरिका और यूरोप में बेबी फूड में अतिरिक्त चीनी मिलाने पर रोक है। यदि किसी कंपनी के द्वारा ऐसा किया जाता है तो उसपर गवर्नमेंट के द्वारा जबरदस्त जुर्माना लगाया जाता है।
जांच में सामने आया है कि नेस्ले हिंदुस्तान समेत निम्न और मध्यम आय वाले राष्ट्रों में बेचे जाने वाले बच्चों के दूध और खाने में चीनी और शहद जैसी चीजें मिलाता है। रिपोर्ट के अनुसार, हिंदुस्तान में बेचे जाने वाले नेस्ले के बच्चों से जुड़े उत्पादों की प्रति कटोरी में करीब 4 ग्राम चीनी पाई गई। भिन्न-भिन्न राष्ट्रों में खाने में मिलायी गयी चीनी की मात्रा भिन्न-भिन्न है। जैसे फिलीपींस में 1 कटोगी में सबसे अधिक 7.3 ग्राम चीनी मिली है। जबकि, नाइजीरिया में 6.8 ग्राम और सेनेगल में 5.9 ग्राम चीनी बच्चों के खाने में मिली है। जबकि, सात राष्ट्रों में उत्पाद पर शुगर लेवल की जानकारी ही नहीं दी गयी है।
नेस्ले पर लगे इलजाम यदि ठीक पाये गए तो ये वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के निर्देशों का सीधा-सीधा उल्लंघन होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश के मुताबिक, तीन वर्ष के कम उम्र के बच्चों के भोन में शुगर या मीठे पदार्थ का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। अतिरिक्तच चीनी मिलाने से हाई ब्लड प्रेशर, दिल की बीमारी, डायबिटीज, अल्जाइमर का खतरा, दांत में कैविटीज की समस्या, मेंटल हेल्थ आदि परेशानी हो सकती है।
क्या कहती है कंपनी
नेस्ले इण्डिया के प्रवक्ता ने इस बारे में कहा कि पिछले पांच वर्षों से कंपनी के द्वारा बेबी फूड में अतिरिक्त चीनी को 30 फीसदी तक कम कर दिया गया है। कंपनी के द्वारा नियमित रुप से खाने की गुणवत्ता, सुरक्षा और स्वाद की जांच करते हैं।