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पर्सनल लोन लेते समय भूलकर भी न करें ये 7 गलतियां

Mistakes people make related to personal loan: इस महंगाई के समय में एक आम आदमी अपनी सैलरी से रोजमर्रा का जीवन तो जी लेता है लेकिन जब बड़े खर्चे की बात आती है तो वह दुविधा में पड़ जाता है. उसके पास इतनी सेविंग नहीं होती कि वह विवाह कार्यक्रम या और भी बड़े खर्चे के लिए कहीं हाथ न फैलाए. किसी-न-किसी कारण से लोगों को पर्सनल लोन का सहारा लेना पड़ता है. कई लोग तो इसे भरकर आजाद हो जाते हैं लेकिन कई सारे इस चंगुल में फंसते चलते जाते हैं. पर्सनल लोन से जुड़ी कुछ गलतियां आपकी नींद छीन सकती हैं और कर्जे में डुबा सकती हैं.

लोन भरने की शर्तें पहले ही चेक कर लें (Ignoring fees and charges)

हर आदमी को पर्सनल लोन भरने से पहले लोन प्रीपेमेंट की शर्तें चेक करनी चाहिए. कई सारे बैंक इस पर पेनाल्टी लगाते हैं यानी लोन का टेन्योर पूरा होने से पहले लोन भरने पर जुर्माना देना पड़ता है.

इनकम के हिसाब से ही लोन का अमाउंट लागू करें (Borrowing more than you need)

किसी भी आदमी को पर्सनल लोन देने से पहले बैंक कई चीजें चेक करते हैं जैसे कि क्या वह आदमी समय पर लोन लौटा पाएगा या नहीं? इसके लिए पर्सनल लोन लागू करने वाले आदमी की उम्र, इनकम और क्रेडिट स्कोर जैसी कई डिटेल्स देखी जाती हैं. हालांकि, यह लोन सैलरी के हिसाब से मिल सकता है.

 

सिबिल स्कोर अच्छा रखें (Disregarding credit score)

कोई भी बैंक पर्सनल लोन देने से पहले सिबिल स्कोर जरूर चेक करता है. इससे उन्हें पता चल जाता है कि आदमी कितनी सरलता से लोन चुका देता है. आपको बता दें कि बैंक आमतौर पर 750 से ऊपर वाले सिबिल स्कोर को ही प्रायरिटी देते हैं.

EMI पर नजर डाल लें

पर्सनल लोन लेने के बाद हर महीने किश्त चुकानी पड़ती है. पर्सनल लोन में प्रिंसिपल अमाउंट और ब्याज रेट होता है, जिसे किश्तों यानी EMI में भरना पड़ता है. यह राय दी जाती है कि लोन लेने से पहले चेक कर लें कि हर महीने कितनी ईएमआई चुकानी होगी?

इंटरेस्ट दर जरूर चेक करें (Interest)

पर्सनल लोन लेने के लिए लागू करते समय सबसे पहले इंटरेस्ट दर जरूर चेक कर लें. आराम से बैठकर तुलना करें कि कौन-सा बैंक कितनी ब्याज रेट पर लोन ऑफर कर रहा है? जो बैंक कम ब्याज रेट दे, उसका पर्सनल लोन लेने में लाभ हो सकता है.

बैंक के बारे में पहले ही जान लें

पर्सनल लोन लेने से पहले बैंक या NBFC के बारे में जरूर जानना चाहिए. जैसे- उसकी सर्विस, उसके प्लान्स और वह कितना मजबूत बैंक है. इससे कई सरे लाभ होते हैं और दिक्कतों से भी बच सकते हैं.

EMI का कौन-सा ऑप्शन अच्छा? 

पर्सनल लोन लेते टाइम कुछ बैंक द्वारा EMI और फ्लेक्सिबल EMI का ऑप्शन दिया जाता है. जहां स्टैंडर्ड EMI में मंथली यानी हर महीने वाली किश्त आती है, वहीं फ्लेक्सिबल EMI में कम किश्त को धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है.

 

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