इस आस्था का जुनून इस कदर,दर्द, पीड़ा, मुश्किल कुछ भी नहीं आती नजर
बता दें कि एक ट्रैक्टर में बच्चों, बुजुर्गों, स्त्रियों के साथ 25 से 30 श्रद्धालु सवार थे। साथ ही ये ट्रैक्टर खुलेआम यातायात नियमों की भी धज्जियां उड़ा रहे थे। गुजरात से ये श्रद्धालु 600 से 700 किमी का यात्रा तय कर चुके हैं, लेकिन राज्य की सीमा के साथ विभिन्न जिलों की सीमाओं से गुजरने के दौरान न तो किसी ने इन्हें टोकने की जहमत उठाई, न ही कोई चालान किया गया। यही नहीं ट्रैक्टर में सवारियां बिठाकर यात्रा करवाना भी कानूनी रूप से ठीक नहीं है। बावजूद इसके ऐसे ट्रैक्टर, मालवाहक वाहनों के साथ जुगाड़ में श्रद्धालु बेखौफ होकर यहां पहुंच रहे है। कोई कार्रवाई नहीं होने से इनके हौसले भी बुलंद हो रहे है। साथ ही हादसे की भी संभावना बढ़ रही है।
नहीं है यातायात परमिट, बने आकर्षण का केन्द्र
रामदेवरा मेले के दौरान यातायात नियमों का कहीं पर भी पालन होते दिखाई नहीं दे रहा है। इसी के चलते जिस आदमी को जो मन में आया, वह उसी गाड़ी से बाबा की यात्रा के लिए निकल पड़ता है। भले ही उस गाड़ी को यातायात का परमिट हो या न हो। इससे कोई लेना, देना नहीं है। मेले के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में चलने वाले जुगाड़ और ट्रैक्टर बड़ी संख्या में मेले के दौरान सवारियों से भरकर आते है, जिनके कई बार दुर्घटनाग्रस्त होने के बावजूद इन पर किसी भी तरह की रोक लगाने के लिए यातायात पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं की जाती है।
ऐसे ही 10 ट्रैक्टरों में करीब 300 यात्री गुजरात के सूरत और आसपास जिलों से रामदेवरा के लिए आए, जो पोकरण पहुंचे। उन्होंने बाबा के गुरु बालीनाथ महाराज के आश्रम, बाबा की कोटड़ी जूना पालना के दर्शन कर पोकरण फोर्ट का भ्रमण किया। ये ट्रैक्टर फोर्ट रोड पर खड़े किए गए, जो आकर्षण का भी केंद्र बने रहे।
जैसे कोई यात्री बस हो
गुजरात से राजस्थान में प्रवेश करने के बाद भी करीब एक दर्जन जिलों की सीमाओं को पार कर पहुंचे ट्रैक्टर पर सवार इन यात्रियों ने कहा कि वे गुजरात के सूरत और आसपास जिलों के विभिन्न गांवों से आए हैं। प्रत्येक ट्रैक्टर-ट्रॉली में छोटे बच्चों, बुजुर्गों और स्त्रियों सहित 25 से 30 सवारियां भरी जाती हैं। इनमें सभी ट्रैक्टर डबल डेकर बनाए गए हैं, जिसमें ट्रैक्टर-ट्रॉली के ऊपर टेंट लगाकर बीच में लकड़ी के पाटिए लगाकर उसे डबल मंजिल बनाया जाता है, जिसमें ऊपर नीचे ठूंस-ठूंस कर सवारियां भर दी जाती हैं।
नहीं हो रही कार्रवाई
रामदेवरा में प्रतिवर्ष इस तरह के ट्रैक्टर, जुगाड़, लोडिंग टैक्सियां, माल वाहक छोटी बड़ी ट्रकें यात्रियों को भरकर लाती हैं, जिनके कई बार दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से लोगों की जानें भी जा चुकी हैं। बावजूद इसके प्रशासन की ओर से इन्हें रोकने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जब कोई बड़ी हादसा होती है, तो प्रशासन की ओर से तत्कालीन कार्रवाई जरूर की जाती है। लेकिन इसके बाद किसी भी जिले की पुलिस या परिवहन विभाग यातायात नियमों की पालना को लेकर एक्टिव दिखाई नहीं देता है।