इस बार गया में महिलाएं बना रहीं ननद-भाभी स्पेशल राखी
रक्षाबंधन का त्योहार वैसे तो भाई बहन के लिए बहुत खास होता है, लेकिन यह ननद भाभी के लिए उतना ही अहम है। हिंदुस्तान के कई हिस्सों में राखी भाइयों के साथ-साथ भाभियों की कलाई पर भी बांधी जाती है। इस साल 31 अगस्त को रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाएगा। राखी का त्योहार निकट आते ही लोगों में उत्सुकता देखने को मिल रही है। गया के बाजार में दिन-प्रतिदिन भीड़ बढ़ रही है। पिछले साल के मुकाबले इस साल तरह-तरह की राखियां आ रही है।भाई-बहन की राखी के साथ भाई-भाभी की राखी देखने को मिल रही हैं। भाभी स्पेशल राखी सभी को लुभा रही है।
ननद भाभी स्पेशल राखी की विशेषता यह है कि इसे गया के क्षेत्रीय स्त्री और युवतियों के द्वारा बनाया जा रहा है। गया शहर में संचालित गुलनार संस्था में इन दिनों लगभग 30 महिलाएं और युवतियां राखी बनाने का मुफ़्त प्रशिक्षण ले त्यौहार को खास बनाने के लिए स्पेशल राखी का निर्माण कर रही हैं। यहां की महिलाएं भाई-बहन के राखी के अलावे ननद भाभी वाला राखी बना रहे हैं जो बहुत खास है। भाभियों को राखी बांधने की ये परंपरा राजस्थान में सबसे अधिक मशहूर है। लेकिन समय के साथ-साथ अब हिंदुस्तान के कई हिस्सों में भाभियों को राखी बांधने का ट्रेंड काफी प्रचलित हो रहा है। बहनें भाई के साथ-साथ भाभियों को भी राखी बांध रही हैं। इससे भाभियों के साथ उनका संबंध मजबूत होता है और उनका प्यार गहरा हो जाता है।
रक्षाबंधन को स्पेशल बनाने के लिए खास राखी तैयार
बता दें कि गुलनार संस्था में स्त्रियों को मुफ़्त सिलाई, ब्यूटीशियन, आर्ट एंड क्राफ्ट समेत कई रोजगार संबंधित मुफ़्त प्रशिक्षण दिया जाता है। इस संस्था से शहर तथा आसपास के तकरीबन 400 महिलाएं जुड़ी हुईं हैं। यहां से प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं का स्वरोजगार कर रही हैं। अभी यहां पर रक्षाबंधन के त्यौहार को देखते हुए 30 महिलाएं और युवतियों को राखी बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां की महिलाएं इस रक्षाबंधन को स्पेशल बनाने के लिए खास राखी की तैयारी कर रही हैं।
150 में मिलेगी 3 राखी
लोकल 18 से बात करते हुए प्रशिक्षक ईशा कुमारी बताती है कि इस रक्षाबंधन को बहुत खास बनाना है, इसलिए भाई के साथ-साथ भाभी के कलाई पर भी राखी बांधी जाएंगी। सबसे खास यह होगा कि इसे हम स्वयं अपने हाथों से तैयार कर रहे हैं। राखी को तैयार करने के लिए गुलनार में मुफ़्त प्रशिक्षण ले रहे हैं। बाजार से राखी का सामान खरीद कर इसे तैयार कर रहे हैं। 150 रुपया में तीन राखी तैयार हुआ है