आइए जानते हैं, भाग्य रेखा के बारे में कुछ खास बातें…
हथेली पर कहां होती है भाग्य रेखा?
हस्तरेखा शास्त्र के मुताबिक जो रेखा हथेली आरंभ से निकलकर सीधे मध्यमा अंगुली पर जाकर मिलती हो तो उसे भाग्य रेखा कहते हैं. भाग्य रेखा जहां से शुरुआत होती है उसे मणिबंध कहते हैं और मध्यमा अंगुली के नीचे उभार वाले जगह पर मिलती है उसे शनि पर्वत कहते हैं.
शुभ होती है ऐसी भाग्य रेखा
यदि किसी आदमी की हथेली में भाग्य रेखा मणिबंध से निकलती हुई शनि पर्वत तक जाती है तो ऐसा आदमी शादी के बाद धनवान बनता है. बोला जाता है कि विवाह के बाद इन लोगों की किस्मत बिल्कुल से चमक जाती है और जीवन में खूब तरक्की करते हैं.
वहीं यदि कोई रेखा शनि पर्वत पर पहुंचकर दो हिस्सों में बंट जाए और गुरु पर्वत यानी तर्जनी उंगली के नीचे पहुंच जाए तो ऐसा आदमी दानी और परोपकारी स्वभाव का होता है. ऐसा आदमी उच्च पद और प्रतिष्ठा प्राप्त करता है.
हालांकि बीच से कटी हुई भाग्य रेखा शुभ नहीं मानी जाती है. हथेली में जिस जगह पर भाग्य रेखा कटी होती है आदमी को जीवन के उस पड़ाव पर संघर्ष और कष्ट का सामना करना पड़ सकता है.