सिपाही भर्ती और RO-ARO पेपर लीक की कड़ियां जुड़ीं
Paper Leak Case: सिपाही भर्ती पेपर लीक के आरोपी राजीव नयन को उसके साथी सुभाष प्रकाश ने समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ-एआरओ) का पेपर लीक कर शेयर किया था. एसटीएफ अब सुभाष की तलाश में लगी है. मेजा निवासी राजीव नयन मिश्र को एसटीएफ ने नोएडा से अरैस्ट किया था. शनिवार को मेरठ एसटीएफ ने पूछताछ प्रारम्भ की. पूछताछ में सामने आया कि राजीव नयन मिश्र भोपाल में रहता था. वहीं उसकी दोस्ती मधुबनी, बिहार निवासी सुभाष प्रकाश से हुई. साल 2010 से दोनों मिलकर एडमिशन कराने का धंधा करते थे. पेपर लीक कराकर वसूली भी प्रारम्भ हो गई थी. सुभाष प्रकाश ने भी आरओ-एआरओ परीक्षा देने के लिए आवेदन किया था. वाराणसी में उसका परीक्षा केंद्र था. सिपाही भर्ती पेपर लीक के बाद दोनों ने आरओ-एआरओ परीक्षा का पेपर हासिल कर लिया था.
पेपर लीक में करोड़ों रुपये की धनराशि कई लोगों में बंटी
सिपाही भर्ती और आरओ भर्ती परीक्षा के पर्चा लीक की पड़ताल में प्रतिदिन नया खुलासा हो रहा है. सामने आया है कि पर्चा लीक प्रकरण के मुख्य आरोपी राजीव नयन के साथ सबसे अहम किरदार में उसका खास साथी सुभाष प्रकाश भी रहा था. इन दोनों तक ही करोड़ों रुपये की धनराशि पहुंची थी जो बाद में कई लोगों में बांटी गई. विवेचना में प्रकाश का नाम शामिल कर लिया गया है. एसटीएफ की दो टीमों ने अब प्रकाशऔर फरार चल रहे डाक्टर शरद की तलाश तेज कर दी है. डाक्टर शरद की गिरफ्तारी के लिये कई स्थान दबिश दी गई लेकिन वह हाथ नहीं आया.
इन दोनों भर्ती परीक्षाओं की षड्यंत्र का चक्रव्यूह ऐसा रचा गया था कि एसटीएफ भी उलझ गई है. सिपाही भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक होने पर जब जांच प्रारम्भ हुई तो यह भनक तक नहीं लगी थी कि यही रैकेट आरओ-एआरओ भर्ती परीक्षा का पर्चा लीक करने में शामिल है. राजीव नयन का नाम सामने आते ही यह खुलासा भी सामने आ गया था. दो दिन पहले गोमती नगर से अरैस्ट कोचिंग संचालक अमित सिंह ने कई घंटे की पूछताछ में अनेक जानकारियां दी.
दोनों आरोपियों को रिमांड पर लिया जाएगा
एसटीएफ के अनुसार डाक्टर शरद और सुभाष प्रकाश को अरैस्ट करने की पूरी प्रयास की जा रही है. उसके काफी करीब तक पहुंचने का दावा भी किया जा रहा है. साथ ही मुख्य आरोपी राजीव नयन और अमित को रिमाण्ड पर लेने की कवायद भी प्रारम्भ कर दी गई है.
एसटीएफ का बोलना है कि इन दोनों को षड्यंत्र की आरंभ से लेकर कहां किससे किस स्तर की साठगांठ हुई…इस बारे में सब कुछ पता है. इस वजह से ही इन दोनों को रिमाण्ड पर लिया जाना महत्वपूर्ण है. पूछताछ के बाद इस पेपर लीक काण्ड के सभी सिरे मिलने की आशा है.
बिहार और भोपाल तक पहुंचायी गई रकम
एसटीएफ के डिप्टी एसपी लाल प्रताप सिंह और दीपक सिंह की टीम इन दोनों गिरोहों के सदस्यों का पता लगाने में जुटी है. कोचिंग संचालक अमित और मुख्य साजिशकर्ता राजीव नयन से पूछताछ में कई लोगों के नाम सामने आये है. अमित ने जब सुभाष प्रकाश का नाम लिया तो उसका ब्योरा जुटाया जाने लगा. उसकी कॉल डिटेल खंगाली गई तो एसटीएफ भी दंग रह गई. पता चला कि प्रकाश दोनों परीक्षाओं की तारीख घोषित होते ही राजीव नयन के साथ षड्यंत्र में शामिल हो गया था. अभ्यर्थियों से वसूली गई काफी धनराशि उसके जरिये ही बिहार और भोपाल तक भेजी गई. इस धनराशि की बंदरबाट भी इन दोनों की नज़र में हुई.