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इस एक वास्तु उपाय से दूर हो जाएगा कुंडली का चंद्र दोष

हिंदू धर्म में चंद्रमा एक जरूरी देवता हैं और ग्रह भी. उन्हें भावनात्मक और मानसिक शक्ति का कारक कहा गया है. वे विशेष रूप से भावना, मनोदशा और मन का अगुवाई करते हैं. कुंडली में इनकी अशुभ स्थिति चंद्र गुनाह मानी जाती है. कुंडली में चंद्रमा की स्थिति हमेशा बली यानी मजबूत होनी चाहिए.

चंद्र गुनाह का प्रभाव

वैदिक ज्योतिष के अनुसार, कुंडली में कभी चंद्रमा की स्थिति कमजोर नहीं होनी चाहिए. चंद्रमा के कमजोर होने या उसके अशुभ स्थिति से उत्पन्न चंद्र गुनाह (Chandra Dosha) से तन, मन और धन तीनों पर गहरा असर पड़ता है. जातक हमेशा मेंटल स्ट्रेस में रहता है.

  • चंद्र गुनाह से पीड़ित जातक हमेशा चिंता, अवसाद और कमजोर स्मृति से परेशान रहता है. भावनात्मक उतार-चढ़ाव और मनोवैज्ञानिक अस्थिरता बनी रहती है. ठीक से नींद नहीं आती है.
  • पारिवारिक जीवन में पुत्र का अपनी माता से संबंध मधुर नहीं होता है. वैवाहिक जीवन में भी मुश्किल आती है. चंद्र गुनाह से संतान प्राप्ति में बाधा बनी रहती है.
  • आर्थिक और व्यावसायिक जीवन में कामयाबी नहीं मिलती है. हमेशा आर्थिक तंगी बनी रहती है.
  • स्टूडेंट्स का मन पढ़ाई में नहीं लगता है. एकाग्रता में कमी होती है. जो रात में पढ़ते हैं, वह सुबह में भूल जाते हैं. करियर का विकास ठीक से नहीं होता है.
  • केवल मानसिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि जल सम्बंधी रोग, पेट से जुड़ी बीमारियां कभी पीछा नहीं छोड़ती हैं. महिलाओं को श्वेत प्रदर (ल्यूकोरिया) की कम्पलेन रहती है.
  • चंद्र गुनाह से पीड़ित जातक के विचार में अनिश्चितता और आत्मविश्वास की कमी होती है. वह हमेशा मेंटल स्ट्रेस से घिरा रहता है.

कुंडली के चंद्र गुनाह (Chandra Dosha) को दूर करने के अनेक ज्योतिषीय तरीका हैं. इनमें रत्न धारण करना, पूजा-पाठ और हवन करना और कई अन्य तरीका हैं. यहां एक वास्तु तरीका कहा गया, जिसको  करने किसकी जातक की कुंडली के चंद्र गुनाह दूर हो जाते हैं. तरीका बहुत सरल है, लेकिन इसे लगातार करना जरुरी है.

चंद्र दोष उपाय (Chandra Dosha Upay)

वास्तु शास्त्र के अनुसार, किसी की कुंडली में चंद्र गुनाह है, तो उसे अपने बिस्तर के नीचे स्टील के बर्तन में पानी भरकर रखना चाहिए. इसे लगातार करना चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में चंद्रमा के कमजोर होने या उसके अशुभ स्थिति से उत्पन्न चंद्र गुनाह (Chandra Dosha) दूर हो जाता है. आदमी को मानसिक तनाव (mental stress) और शारीरिक व्याधियों से मुक्ति मिलती है. मन शांत होने से एकाग्रता बढती है, जिससे हर काम की गुणवत्ता बढ़ जाती है. आत्मविश्वास बढ़ जाता है. बता दें कि ज्योतिषीय मान्यताओं और वास्तुशास्त्र के अनुसार, पानी और स्टील के बरतनों में चंद्रमा का वास होता है

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