इस जगह भगवान को प्रसाद में चढ़ाई गयी थी औषधियां, जानें यहाँ की विशेषताएँ…
स्नान यात्रा के दौरान लू लगने से बीमार ईश्वर जगन्नाथ स्वामी का रोजाना औषधियों से उपचार किया जा रहा है. वैद्य उन्हें तरह-तरह की दवा दे रहे हैं. श्रद्धालुओं के लिए मंदिर बंद होने के बाद भी यहां रोजाना बड़ी संख्या में श्रद्धालु ईश्वर का हालचाल जानने के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं.
गौरतलब है कि पन्ना का रथ यात्रा महोत्सव प्रदेश में सबसे भव्य ढंग से मनाया जाता है. इसके लिए अभी से तैयारियां तेज हो गई हैं. अभी ईश्वर को रोग से उबारन के लिए दोनो टाइम ईश्वर को औषधियां दी जा रही हैं.
वहीं दूसरी ओर कलेक्ट्रेट बैठक भवन आयोजित बैठक में रथयात्रा महोत्सव की तैयारियों की समीक्षा की गई. बैठक में कलेक्टर शिवनारायण सिंह चौहान ने बोला कि रथयात्रा महोत्सव परंपरागत उल्लास के साथ मनाया जाएगा. ईश्वर जगन्नाथ की रथयात्रा धूमधाम से निकाली जाएगी. इसके लिए सभी जरूरी व्यवस्था किए जा रहे हैं. तैयारियां प्रारम्भ कर दी गई हैं.
परंपराओं पर रहेगा विशेष ध्यान
रथयात्रा महोत्सव के प्रबंधों में परम्परा का विशेष ध्यान रखा जाएगा. रथयात्रा के मार्ग तथा रथ के आराम स्थलों पर पेयजल एवं प्रकाश की मुनासिब प्रबंध की जाएगी. बैठक में रथयात्रा प्रबंधों की बिन्दुवार समीक्षा की गई. बैठक में कलेक्टर ने बोला कि रथयात्रा जिले की जरूरी परंपरा है. इसके आयोजन में होने वाले व्यय को जनसहयोग से एकत्रित किया जाए.
अन्य मंदिरों से भी लेंगे सहयोग
जगदीश स्वामी मंदिर की आय कम होने के कारण अन्य मंदिरों से भी रथयात्रा के लिए योगदान लिया जाए. रथयात्रा के दौरान रथों में सिर्फ़ शासन द्वारा नियुक्त पुजारी ही बैठेंगे. मुख्य रथ में जगदीश स्वामी मंदिर के पुजारी तथा अन्य रथों में किशोरजी मंदिर एवं बल्देव मंदिर के पुजारी बैठेंगे.इनमें ईश्वर के प्रसाद का वितरण करने के लिए एक आदमी अलग से बैठाया जा सकता है. इसमें रथों में सुधार,भगवान के वस्त्र, मंदिरों में प्रकाश, रथों की सजावट, बैंड-बाजे, आतिशबाजी, महा प्रसाद और भंडारे का व्यय शामिल है. उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख स्थानों पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात रहेगा.
रथयात्रा के समय आकस्मिक इलाज के लिए एम्बुलेंस एवं आग से निपटने के लिए फायर ब्रिगेड तैनात रहेगी. रथयात्रा के लिए सड़क सुधार, पेयजल व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, साफ -सफाई आदि की मुनासिब प्रबंध संबंधित विभाग करेंगे. जिपं अध्यक्ष रविराज सिंह यादव ने रथयात्रा महोत्सव को मध्य प्रदेश के सांस्कृति विभाग कार्यक्रमों शामिल कराने तथा इसके आयोजन के लिए जरूरी बजट की मांग का सुझाव दिया. मंदिरों की परिसंपत्ति की सुरक्षा और आय बढाने के संबंध में सुझाव दिए गए.