इस पेड़ का फूल दुर्लभ, पत्ते, फल, छाल है बेहद चमत्कारी
अक्सर आपने लोगों को कहते सुना होगा ‘गूलर के फूल’ हो गए हो। इस मुहावरे का अर्थ होता है कि आजकल कम दिखते हो। मान्यता है कि गूलर का फूल दुर्लभ है। लेकिन, इस पेड़ का फूल ही नहीं, बल्कि पत्ते, छाल, फल भी चमत्कारी हैं। आयुर्वेद ने तो गूलर के पेड़ को स्वास्थ्य के लिए बड़ा ही लाभ वाला कहा है। गूलर का पेड़ उत्तर से लेकर दक्षिण हिंदुस्तान में हर स्थान मिल जाता है। झारखंड में इसे डुमुर भी बोला जाता है।
बोकारो के वरिष्ठ आयुर्वेदिक डॉक्टर डाक्टर राजेश पाठक कहा कि गूलर का फल, पत्ते, छाल बड़े ही लाभदायक हैं। फल में प्रचुर मत्रा में विटामिन बी 2, कॉपर, मैग्नीशियम, आयरन और पोटेशियम होता है। यह फल बीमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ कई रोंगों को दूर करने में सहायक है। यदि आप गूलर का फल खाते हैं तो आपकी इम्यूनिटी हमेशा मजबूत रहेगी।
गूलर इन 5 रोंगों के लिए रामबाण
सिर दर्द: गूलर की पत्तियों में औषधीय तत्व पाए जाते हैं जो सिर दर्द से राहत प्रदान करते हैं। ऐसे में यदि आप गूलर के साफ स्वच्छ पत्तों का पीसकर एक गिलास पानी में एक चम्मच गूलर की पत्तियों रस और शहद मिलाकर पिएं तो सिरदर्द से राहत मिलती है।
सूजन की समस्या: पैर में दर्द और सूजन की परेशानी से पीड़ित रोगी गूलर के पेड़ की छाल को पीसकर सूजन वाले स्थान प्रयोग करें तो सूजन की परेशानी दूर होती है, क्योंकि गूलर के पेड़ की छाल में उपस्थित एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।
रक्तस्राव (ब्लीडिंग): गूलर के फल में पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे विटामिन सी, आयरन और पोटेशियम रक्तस्राव को कम करने में सहायता कर करते हैं। इसके सेवन से अधिक रक्तस्राव की परेशानी दूर की जा सकती है।
यूरिन इन्फेक्शन: गूलर के फल में पाए जाने वाले औषधीय गुण संक्रमण को कम करने में सहायता करते हैं। साथ ही गूलर में उपस्थित विटामिन सी संक्रमण से बचाव करते हैं। इसके लिए सब्जी के रूप में गूलर का सेवन करने से यूरिन इंफेक्शन से राहत मिलती है।
बवासीर: बवासीर की परेशानी से जूझ रहे रोगी गूलर के फल को सुखाकर उसको पीसकर पाउडर बना लें। फिर रोज सुबह खाली पेट एक गिलास पानी में एक चम्मच पाउडर, मिश्री के साथ मिलाकर पीने से बवासीर के दर्द और सूजन से राहत मिलती है।