इस मुहूर्त में करें कलश स्थापना, मिलेगी हर खुशियां
हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नवरात्रि को मनाने के लिए भक्त नौ दिनों तक निर्जला व्रत के साथ कई नियम और विधान का पालन करते हैं। कई लोग पूजा पाठ तो करते हैं, लेकिन उन्हें शुभ मुहूर्त की जानकारी नहीं होती है। जिस वजह से उन्हें पूजा का ठीक फल नहीं मिलता। ऐसे में जानकार बताते हैं कि हर पूजा के लिए एक विशेष और शुभ मुहूर्त होता है। शुभ मुहूर्त में पूजा की आरंभ करने से लोगों के सभी भाग्य के द्वार खुल जाते हैं।
पूर्णिया के पंडित मनोत्पल झा कहते हैं कि चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा से चैत्र नवरात्रि प्रारम्भ होती है। इस साल 9 अप्रैल 2024 को प्रारंभ हो रहा है। वर्ष में चार नवरात्र होते हैं, जिसमें दो नवरात्र गुप्त नवरात्र होता है और दो नवरात्र अश्विन और चैत्र नवरात्र बहुत प्रचलित होता है।
घोड़े पर सवार होकर आ रही मां दुर्गा, अतिफलदायक होगा वर्ष
यह दिन संयोग बस बहुत खास माना जाता है ।उन्होंने बोला सबसे बड़ी बात मां दुर्गा इस बार घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं जिससे हम सभी जीव जंतुओं के साथ किसान लिए काफी फायदेमंद साबित होगा और किसान भाईयों की उपज और फसल भी अच्छे होंगे। उन्होंने बोला माँ की पूजा और उनके आशीर्वाद सरलता से प्राप्त होंगे।
अभिजित मुहूर्त में करें कलश स्थापना, खुलेंगे भाग्य के द्वार
पंडित जी ने बोला कि इस नवरात्र को करने के लिए 9 अप्रैल 2024 को ही इसका कलश स्थापना किया जाएगा और प्रतिपदा 8 अप्रैल को रात में 12:00 बजे से 9:52 तक रहेगा। उन्होंने बोला कि मिथिला पंचांग के मुताबिक यह समय एवं पंचांग से थोड़ा बहुत ऊपर नीचे हो सकता है, लेकिन जिसका उदय उसका ही अस्त होता है। इसके लिए कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 9 अप्रैल को सुबह 6:02 बजे से लेकर 12:30 तक शुभ मुहूर्त है। इस बीच में आप कलश स्थापना कर सकते हैं।
उन्होंने बोला इसी बीच कुछ ऐसे भी शुभ मुहूर्त है, जो आपके सब भाग्य के द्वार खोल देंगे और इस मुहूर्त में कलश स्थापना करते हैं तो निश्चित तौर पर विशेष फलदायक होगा। उन्होंने बोला 8:19 सुबह के बाद सर्वार्थ सिद्धि योग प्रारम्भ हो जाता है जो कि पूरा दिन रहेगा। लेकिन सबसे बड़ा मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त होता है जो की दिन के 11:50 मिनट से लेकर 12:50 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। इस दौरान की गई कलश स्थापना करने से भाग्य के द्वार खुल जाते हैं।
इस दिन पड़ेगा महाष्टमी का व्रत
इस बार चैत्र नवरात्र में महाअष्टमी का व्रत 16 अप्रैल को मनाया जाएगा और 17 अप्रैल को महानवमी व्रत मनाया जाएगा। 18 अप्रैल को विजयदशमी पर्व मनाया जाएगा। पंडित जी कहते हैं कि महानवमी का व्रत और रामनवमी व्रत दोनों एक दिन होने के कारण यह चैत्र माह नवरात्रि लोगों के लिए विशेष फलदायक रहेगा।