कम पैसों में हिमाचल के इस हिल स्टेशन को करें एक्सप्लोर
हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती को निहारने हर वर्ष यहां लाखों की संख्या में पर्यटक पहुंचते हैं. वहीं यह प्रदेश अपने हर यात्री का बाहें पसारकर स्वागत करता है. यहां पर एडवेंचर लवर्स के साथ-साथ नेचर लवर और शाँति की तलाश करने वाले हर पर्यटक के लिए ऑप्शन उपस्थित हैं. ऐसे में यदि आप बजट में सैर-सपाटा करने का प्लान बना रहे हैं, तो इस राज्य को अपनी लिस्ट में शामिल कर सकते हैं.
यहां पर हरी-भरी घाटियां और बर्फ से ढके पहाड़ आपके मन को भा जाएंगे. वहीं यदि आप कम पैसों में हिमाचल प्रदेश में घूमने वाले ठिकानों की तलाश कर रहे हैं, तो आप कियारीघाट को एक्सप्लोर कर सकते हैं.
कियारीघाट हिल स्टेशन
कियारीघाट कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर स्थित एक बहुत खूबसूरत हिल स्टेशन है. शिमला से 27 किमी और सोलन से करीब 19 किमी का यात्रा तय करने के बाद आप इस खूबसूरत हिल स्टेशन पर पहुंच सकते हैं. कियारीघाट ओक, देवदार के पेड़ों से घिरी ये स्थान भीड़ और शोरगुल से दूर है. ऐसे में आप यहां पर अपने पार्टनर के साथ क्वालिटी टाइम बिता सकते हैं.
द एप्पल कार्ट इन
कियारीघाट में ‘द एप्पल कार्ट इन’ सेंटर ऑफ अट्रैक्शन है. परिवार, दोस्तों के साथ आप यहां पर बहुत अच्छा समय बिता सकते हैं. कहा जाता है कि यहां पर वर्षों पहले डाकघर हुआ करता था. लेकिन अब यहां पर बहुत सारे रेस्तरां हैं. जहां पर आप उत्तर भारतीय व्यंजनों का स्वाद ले सकते हैं.
चूड़धार अभ्यारण्य
कियारीघाट एक्सप्लोर करने के दौरान आपको चूड़धार अभ्यारण्य देखने जरूर आना चाहिए. यह सिरमौर जिले में स्थित है. आपको बता दें कि यह अभ्यारण्य करीब 56 वर्ग किमी में फैला हुआ है. इस जगह को चूड़ीचंदानी के नाम से भी जाना जाता है. यहां ईश्वर शंकर शिरगुल महराज के रूप में अपने भक्तों को दर्शन देते हैं.
करोल गुफा
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में करोल पर्वत पर करोल गुफा है. यह काफी पुरानी और रहस्यमई गुफा है. इस गुफा को देखने के लिए आपको करोल पर्वल चोटी तक यात्रा करना पड़ता है. क्षेत्रीय लोगों की मानें तो ईश्वर शिव शंकर और पांडवों ने इस गुफा में तपस्या की थी. जिस कारण इसे पांडव गुफा भी बोला जाता है. करोल गुफा के अंदर आप शिवलिंग के भी दर्शन कर सकते हैं.
ऐसे पहुंचे
कियारीघाट पहुंचने का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा शिमला में जुब्बल हट्टी है.
यदि आप ट्रेन से आना चाहते हैं, तो सबसे पास रेलवे स्टेशन कंडाघाट है.