लाइफ स्टाइल

कैंसर के खतरे को कम करने के लिए अपने लाइफस्टाइल में करें ये बड़े बदलाव

4 फरवरी को पूरे विश्व में ‘विश्व कैंसर दिवस’ मनाया गया कैंसर की रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, पहचान और इलाज को प्रोत्साहित करने के लिए हर वर्ष ये दिन मनाया जाता है कैंसर एक जानलेवा रोग है इसका उपचार भी है, लेकिन वो बहुत कष्ट देने वाला होता है कैंसर पीड़ितों को उपचार के दौरान कष्टमय स्थिति में गुजरना पड़ता है इसके दौरान उन्हें बहुत अधिक शारीरिक पीड़ा झेलनी पड़ती है इसलिए एक्सपर्ट लोगों को समय रहते कैंसर के खतरे को कम करने के लिए तरीका आजमाने के लिए कहते हैं ये तरीका क्या है, चलिए आपको बताते हैं

एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर पोषण जरुरी- कैंसर के खतरे को कम करने के लिए सेलुलर सुरक्षा को मजबूत करना जरुरी है इसलिए अपनी डाइट में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर चीजों को शामिल करें एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को हानि पहुंचाने वाले मुक्त कणों से लड़ने में सहायता करता है ये मुक्त कण कैंसर के खतरे को बढ़ाने का काम करते हैं लहसुन, पत्तेदार सब्जियां, डार्क चॉकलेट और बेरी जैसे फ्रूट्स और सब्जियों का प्रतिदिन सेवन करना लाभ वाला रहेगा

रोजाना एक्सरसाइज करना जरुरी- एक्सरसाइज केवल शरीर को फिट रखने के लिए नहीं होती है ये शरीर को कई रोंगों से बचाने का काम भी करती है कैंसर के खतरे को कम करने के लिए एक्सपर्ट लोगों को अपने रूटीन में एक्सरसाइज शामिल करने की राय देते हैं प्रतिदिन एक्सरसाइज करने से वजन कंट्रोल में रहता है, जिसकी वजह से हार्मोन नियंत्रित रहते हैं और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है ये सभी चीजें कैंसर के विरुद्ध एक ताकतवर ढाल प्रदान करती हैं इसलिए प्रतिदिन 40 मिनट तो कम से कम एक्सरसाइज करें

तम्बाकू छोड़ना जरुरी- कैंसर से बचना चाहते हैं तो तम्बाकू का सेवन करना बिलकुल बंद कर दें तम्बाकू का सेवन करना फेफड़े, गले समेत कई कैंसर का एक प्रमुख कारण है इसलिए समय रहते तम्बाकू से दूरी बना लें, अन्यथा बाद में पछताना पड़ेगा धूम्रपान करने वाले ही नहीं बल्कि ऐसे लोगों के संपर्क में आने वालों को भी कैंसर होने का खतरा होता है इसलिए धूम्रपान करने वाले लोगों के संपर्क में आने से बचें

नियमित स्क्रीनिंग को अहमियत देना जरुरी- कैंसर एक जानलेवा रोग है शुरुआती चरण में कैंसर का पता लगने से इसका उपचार सरल हो जाता है और पीड़ित आदमी की जान बच सकती है इसलिए नियमित जांच करना जरुरी हो जाता है कैंसर का पता लगाने के लिए मैमोग्राम, कोलोनोस्कोपी, पैप स्मीयर और अन्य परीक्षणों का सहारा ले सकते हैं

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