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घर पर आसानी से ऐसे उगाया जा सकता है बीन्स

बाजार में सब्जियों के मूल्य आसमान छू रहे हैं इसलिए न केवल गांवों में बल्कि कस्बों में भी अब कम स्थान में सब्जियां उगाई जाने लगी हैं गांवों में घरों के लिए जितनी भी सब्जियों की आवश्यकता होती है, वे उसे खेतों में उगा लेते हैं शहर में अब छोटी-छोटी सब्जियां गमलों में नहीं, बल्कि छोटी-छोटी जगहों पर उगाई जाती हैं.

इन सब्जियों में सेम उगाना सबसे सरल है. कई तरह के रेसिपी बना सकते हैं बीन्स फाइबर, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं. इस प्रकार सेम की मूल्य कभी कम नहीं होती.

फ्रेंच बीन्स, जिन्हें हरी या स्नैप बीन्स भी बोला जाता है, एक टेस्टी और पौष्टिक निवारण प्रदान करते हैं. फ्रेंच बीन्स के कुछ लाभ हैं- रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है, कैंसर रोधी गुण, दिल स्वास्थ्य में सहायता करता है.

तो आप घर पर फलियाँ कैसे उगाते हैं? आइये जानते हैं कैसे रखें इसका ख्याल

फ्रेंच बीन्स कैसे उगाएं?

हालाँकि फलियाँ पौधों की तरह दिखती हैं, लेकिन वास्तव में वे बेलों पर उगती हैं. इसका पौधा झाड़ी की तरह बढ़ता है इसलिए आपको इसकी अच्छे से देखभाल करने की आवश्यकता है. लेकिन पौधों का चयन करते समय हमें होशियार रहना होगा. 8 से 10 इंच के बड़े बर्तन या गड्ढे की जरूरत होती है बीज को 1-2 इंच गहरा और 2-3 इंच की दूरी पर पंक्तियों में 18-24 इंच की दूरी पर बोएं या रोपें.

मिट्टी को नम रखें बीन के पौधों में कीटों का खतरा अधिक होता है और इसलिए उन्हें थोड़ी अधिक देखभाल की जरूरत होती है. यदि पौधे में कीड़े पाए जाएं या पत्तियों में छेद पाए जाएं तो साबुन का पानी या उपयुक्त कीटाणुनाशक का इस्तेमाल करना चाहिए.

सेम के पौधे को रोजाना लगभग 6 घंटे सूर्य की रोशनी की जरूरत होती है. यदि सूर्य का प्रकाश न हो तो पौधा सूख जाएगा और बिना फल दिए सिर्फ़ नंगे पौधे ही उगेंगे. लेकिन सेम का पौधा 1 फुट से ऊपर बढ़ने के बाद पौधे को मजबूत छड़ी देने की आवश्यकता होती है या इसे बढ़ने के लिए किसी चीज़ का समर्थन चाहिए. ऐसा करने से पौधा तेजी से बढ़ता है

फलियों की कटाई कब करनी चाहिए?

जब फलियाँ 6 से 8 फीट लंबी हो जाती हैं तो उनमें फूल आते हैं. फलियों की कटाई 20 से 25 दिनों में की जा सकती है फलियाँ कठोर होती हैं यदि उन्हें बहुत लंबे समय तक बढ़ने के लिए छोड़ दिया जाए, यदि वे छोटी हों तो बेहतर है.

बीन्स का उपयोग

कैलोरी में कम: ताजी हरी फलियों में कैलोरी बहुत कम होती है, जो उन्हें वजन कम करने की प्रयास कर रहे लोगों के लिए बिल्कुल ठीक भोजन बनाती है.

फाइबर में उच्च: इन दालों में घुलनशील फाइबर की मात्रा अधिक होती है जो इन्हें पाचन समस्याओं वाले लोगों के लिए उपयुक्त बनाती है. इसका फाइबर कब्ज को रोकता है और बवासीर और आंतों की गांठों का उपचार करा रहे लोगों के लिए एक सुरक्षित भोजन है.

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