त्वचा की उम्र पर ब्रेक लगाने के लिए अपनाएं ये तरीके
Gold Use for Beauty: सोना पहनने की चीज है लेकिन यदि आपसे बोला जाए कि इसी सोने को आप चेहरे पर लगाना प्रारम्भ कर दीजिए। इससे आपके चेहरे पर सोने सा निखार आ जाएगा। आपकी स्किन 24 कैरेट गोल्ड की तरह चमकने लगेगी। आपकी उम्र फौरन थम जाएगी, तो ये सब सुनकर आपको आश्चर्य होगी। लेकिन हाल ही में आई एक रिसर्च बताती है कि यदि आप चेहरे पर लगाने के लिए सोने के सूक्ष्म कणों का प्रयोग करते हैं तो यह बहुत ही लाभ वाला है।
हाल ही में यूरोप के साइंस जर्नल एल्सेवियर चिकित्सा शोध में दावा किया गया है कि गोल्ड यानी सोने के सूक्ष्म कण त्वचा की कोशिकाओं को ताकत दे सकते हैं। ये न केवल त्वचा में रुखापन, सूखापन, संक्रमण और सूजन के रिस्क से बचाते हैं बल्कि उम्र के प्रभावों को रोकने में भी कारगर हैं।
इस स्टडी के रिसर्चर्स का दावा है कि सूर्य की अलट्रा वॉयलेट किरणों, प्रदूषण और सिगरेट के धुंए से त्वचा की कोशिकाओं को हानि होता है। ऐसे में एपिडर्मल और फाइब्रोब्लास्ट कोशिकाओं को हानि होने पर कई तरह की समस्याएं पैदा होती हैं। लेकिन यदि ब्यूटी प्रोडक्ट्स यानि सौंदर्य के लिए प्रयोग होने वाले प्रसाधनों जैसे क्रीम, फेस पैक, जैल आदि में स्वर्ण के नैनो कणों का प्रयोग किया जाए तो इसके रिज़ल्ट बेहतरीन होंगे।
फ्रांस स्थित पेरिस यूनिवर्सिटी के इस शोध में शोधकर्ताओं ने सौंदर्य प्रसाधनों में सोने के नैनो कणों के इस्तेमाल की सिफारिश की है जो न केवल बाहरी संक्रमण से बचाते हैं बल्कि अंदरूनी तौर पर बढ़ती उम्र के प्रभावों को भी रोकने में सक्षम हैं। इससे त्वचा में कसाव आता है और उम्र कम दिखाई देती है।
भारत में पहले से होता रहा है प्रयोग
बता दें कि प्राचीन ग्रंथ आयुर्वेद में पहले ही स्वर्ण भस्म की क्षमताओं का जिक्र मिलता है। कई गंभीर रोंगों में भी आयुर्वेद की औषधि के रूप में स्वर्ण भस्म का सेवन किया जाता है। इतना ही नहीं स्वर्ण भस्म का प्रयोग और भी कई उत्पादों में किया जाता है। एमिल-आयुथवेदा के निदेशक डाक्टर संचित शर्मा बताते हैं कि आदमी की प्रयास चेहरे की सुंदरता कायम रखना होती है। स्वर्ण के जरिए एपिडर्मल और फाइब्रोब्लास्ट कोशिकाओं को बचाया जा सकता है। हाल ही में प्रयोग के तौर पर भारतीय शोधकर्ताओं के साथ मिलकर तैयार स्पार्कलिंग गोल्ड फेस वास में 24 कैरेट स्वर्ण के नैनो कण के साथ कश्मीरी केसर भी मिश्रित किया जो इसके प्रभावों को काफी बढ़ाता है।
त्वचा को पोषण देता है सोना
रिसर्च में कहा गया कि स्वर्ण के नैनो कण त्वचा का रुखापन समाप्त करते हैं जिससे छिद्रों में नमी बनी रहती है। त्वचा को संपूर्ण पोषण मिलता है और क्षतिग्रस्त कोशिकाएं फिर से स्वस्थ होने लगती हैं। इतना ही नहीं कोलेजन प्रोटीन बनने की प्रक्रिया तेज होने से त्वचा का लचीलापन बढ़ता है जो झुरियों को रोकता है।
उम्र का असर कम करता है सोना
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने एक निष्कर्ष यह भी निकाला है कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होने लगती हैं, लेकिन स्वर्ण के नैनो कणों से यह प्रक्रिया बहुत धमी हो जाती है एवं नयी कोशिकाओं का बनना तेज हो जाता है। नतीजा यह होता है कि उम्र बढ़ने के प्रभावों का असर कम नजर आता है। एक बात और, स्वर्ण नैनो कणों का त्वचा पर कोई नकारात्मक असर नहीं दिखा है।