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भारत में अमेरिका की एक्टिंग डिप्टी एंबेसडर ने कहा…

पिछले दिनों दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका द्वारा की गई टिप्पणी के बाद हिंदुस्तान में अमेरिका की अभिनय डिप्टी एंबेसडर ग्लोरिया बर्बेना से भारतीय विदेश मंत्रालय ने उत्तर मांगा. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कड़ी नाराजगी जताते हुए बोला कि एक देश को दूसरे देश की संप्रभुता का सम्मान करने की आशा की जाती है. किसी भी राष्ट्र की कानूनी प्रक्रिया पर किसी दूसरे देश द्वारा टिप्पणी किया जाना अनुचित है.

सवालः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर बयान के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय का रुख अमेरिका के प्रति बदला है?

ग्लोरिया बर्बेनाः भारत के साथ हमारा रिश्ता सौहार्दपूर्ण है. हम हिंदुस्तान के साथ कई अहम मुद्दों पर काम कर रहे हैं और इसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है. रही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका के बयान के एक दिन बाद भारतीय विदेश मंत्रालय के साथ मेरी बैठक की बात तो मैं निजी तौर पर राजनयिक वार्ता पर चर्चा करने के लिए मैं स्वतंत्र नहीं हूं.

सवालः आप भारतीय और अमेरिकी युवा को शिक्षा, करियर, रिश्तों और सोशल मीडिया के साथ उनके संबंधों को किस तरह देखती हैं?

ग्लोरिया बर्बेनाः दोनों राष्ट्रों के लोगों के बीच अच्छे संबंध उनके अपने-अपने राष्ट्र की स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप की ताकत का जरिया है. अमेरिका में 4 मिलियन से अधिक भारतीय प्रवासी समुदाय रहता है और यह समुदाय दोनों राष्ट्रों में सहयोग, इनोवेशन और रोजगार से जुड़ी अहम हिस्सेदारी निभाता है.

अमेरिका शिक्षा के मुद्दे में हिंदुस्तान के साथ मजबूत संबंध बनाए रखता है. हिंदुस्तान के साथ एजुकेशनल रिलेशनशिप को मजबूत करना अमेरिकी गवर्नमेंट की अहमियत है. हम भाग्यशाली हैं कि हमारी यूनिवर्सिटी में करीब 2,70,000 भारतीय स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं. अमेरिकी समाज और एजुकेशनल इंस्टीट्यूशन में इतने सारे भारतीय स्टूडेंट्स और विद्वानों का सहयोग है. एजुकेशनल एक्सचेंज और पार्टनरशिप को प्रमोट करने के साथ ही साथ इस क्षेत्र में दोनों राष्ट्रों को नए अवसरों को पहचानने का मौका मिला है.

सवालः अमेरिकी और भारतीय स्त्रियों के बारे में तीन पॉजिटिव बातें बताएं जिन पर आपकी नजर गई?

ग्लोरिया बर्बेनाः चाहे महिलाएं अमेरिका की हों या हिंदुस्तान की, एक बात साफ है कि वो होम मेकर, मां, चाची-मौसी या बुआ, उद्यमी, जर्नलिस्ट, सीईओ, चेंज मेकर्स किसी भी रूप में दिखे, हर क्षेत्र में बुलंदी पर ही हैं और अपना सहयोग दे रही हैं. बाइडेन-हैरिस प्रशासन के अनुसार व्हाइट हाउस जेंडर के मसलों पर विशेष रूप से ध्यान दे रहा है.

अमेरिका में अक्टूबर 2021 में व्हाइट हाउस ने जेंडर इक्वालिटी पर राष्ट्रीय पहल की जिससे स्त्रियों की बेहतर नौकरियों और कार्यस्थल पर सुरक्षा के क्षेत्र में काफी सुधार हुआ है. हिंदुस्तान में हम स्त्रियों के साथ SEWA India और WEConnect जैसे काम एक साथ मिलकर कर रहे हैं. अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने स्त्रियों को बराबरी का दर्जा दिलाने के लिए 900 मिलियन $ से ज्यादा, यूएसएआईडी के लिए 300 मिलियन $ और इक्वालिटी एक्शन फंड तैयार किया.

सवालः भारत-अमेरिका संबंधों से दोनों राष्ट्र की स्त्रियों को क्या लाभ हुआ?

ग्लोरिया बर्बेनाः अमेरिका और हिंदुस्तान की स्त्रियों की आर्थिक उन्नति, समानता और उनकी भागीदारी बढ़ाने के लिए दोनों राष्ट्र मिलकर काम कर रहे हैं जिसका दोनों राष्ट्रों की स्त्रियों को लाभ मिला. आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अमेरिका हिंदुस्तान के साथ मिलकर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए स्त्रियों को आगे बढ़ाने का काम कर रहा है. इसमें कॉर्पोरेट, सरकारी और सामाजिक संस्थाओं को शामिल किया गया है.

अमेरिका में हजारों भारतीय खासकर महिलाएं बिजनेस, साइंस, टेक्नोलॉजी, एनवायरमेंट और आर्ट के क्षेत्र में सहयोग दे रही हैं. अमेरिका में बहुत सारी भारतीय महिलाएं उच्च शिक्षा हासिल कर रही हैं और उस नॉलेज को वो हिंदुस्तान वापस ला रही हैं. भारत-अमेरिका के बीच बहुत सारे रास्ते खुले हैं. यह रिश्ता दोनों राष्ट्रों की स्त्रियों के लिए लाभ वाला है.

सवाल: लेंडिंग ट्री का अमेरिकी सेंसस ब्यूरो के 2022 अमेरिकी कम्युनिटी सर्वे से पता चलता है कि सिंगल वुमन के पास पुरुष की तुलना में 2.7 मिलियन अधिक घर हैं, 10% मर्दों की तुलना में करीब 13% स्त्रियों के पास अपने घर हैं. क्या महिलाएं मर्दों से अधिक पावरफुल हुई हैं या फाइनेंस के मुद्दे में स्वतंत्र होना चाहती हैं?

ग्लोरिया बर्बेनाः ऐसी बहुत सी वजह है जिससे महिलाएं प्रॉपर्टी बनाने की तरफ आकर्षित हुई हैं. लेकिन मुझे लगता है कि यह बोलना सुरक्षित है कि सोशल और इकोनॉमिक बंदिशों के बावजूद महिलाएं अपना घर बनाने और फिनान्शियल इंडिपेंडेंस हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करती हैं.

सवाल: दोनों राष्ट्रों की महिलाएं एक-दूसरे की संस्कृति से क्या सीख सकती हैं?

ग्लोरिया बर्बेनाः इतिहास गवाह है कि हिंदुस्तान और अमेरिका समेत पूरे विश्व में स्त्रियों को हाशिए पर रखा गया है. उन्हें लगातार भेदभाव का सामना करना पड़ा है. स्त्रियों के सामने चुनौतियां हैं, लेकिन अपने दृढ़ संकल्प के साथ, वो आगे बढ़ रही हैं.

भारत और अमेरिका दोनों राष्ट्रों की संस्कृतियों की अपनी अनूठी ताकतें हैं. दोनों राष्ट्रों ने जेंडर इक्वालिटी के लिए कई अहम कदम उठाए हैं. सच कहूं तो यह दोनों राष्ट्रों में एक सतत यात्रा है. दोनों संस्कृतियों में जो ताकत, साहस और दृढ़ता देखने को मिलती है, वो मुझे प्रेरित करती है. हिंदुस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका की स्त्रियों में बहुत कुछ मिलता जुलता है.

सवाल: आपको भारतीय पकवानों या व्यंजनों में सबसे अधिक क्या पसंद है?

ग्लोरिया बर्बेनाः मुझे लगता है कि भारतीय फूड कलर, टेस्ट और सजावट के मुद्दे में बेजोड़ है. दरअसल, मैं ऐसी कई डिशेज के बारे में जानती हूं जिनमें अखरोट और सेब जैसे अमेरिकी प्रोडक्ट का इस्तेमाल किया जाता है. मुझे किचन में कुछ क्रिएटिव करना या देखना बहुत पसंद है.

सवाल: आपकी नजर में भारतीय संस्कृति का क्या महत्व है?

ग्लोरिया बर्बेनाः जब भारतीय संस्कृति की बात आती है, तो मैं इतिहास, कला, नृत्य और संगीत से रोमांचित हो जाती हूं, और यहां के लाजवाब पहनावे और बुनाई की कला से लगाव है. ऐसी सुंदरता और शिल्प कौशल को देख दिल वाह वाह कर उठता है! अमेरिका और हिंदुस्तान दोनों भारतीय कला और शिल्प बाजार का विस्तार करने के लिए काम कर रहे हैं. इंटर-कल्चर एक्सचेंज पर्सनल और सार्थक होते हैं. मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि मेरा काम मुझे हिंदुस्तान की विविधता के साथ प्रतिदिन कनेक्ट कराता है.

सवाल: आप भारतीय स्त्रियों को कोई मैसेज देना चाहेंगी?

ग्लोरिया बर्बेनाः हमारे राष्ट्रों में महिलाएं सोशल-इकोनॉमिक और कल्चर डेवलपमेंट में अहम किरदार निभाती हैं. उन्हें स्किल आर्किटेक्ट और सोसाइटी के लिए सहयोग देने के लिए पहचान मिलनी चाहिए. यदि स्त्रियों को सपोर्ट और पहचान नहीं मिलेगी तो उन्हें अवसर मिलने में कठिन होगी. यदि स्त्रियों को पूर्ण भागीदारी से वंचित किया जाता है, तो न केवल लैंगिक समानता के स्तर पर महिलाएं कम हो जाएंगी, बल्कि समाज वास्तव में समृद्ध और खुशहाल नहीं होगा. मैं सभी स्त्रियों को ये संदेश देना चाहूंगी कि विश्वास रखें, कड़ी मेहनत करें, अपने सामान्य अधिकारों पर बल दें और उनका इस्तेमाल करें, और जो महिलाएं संघर्ष कर रही हैं उनका सपोर्ट करें. जब हम साथ मिलकर काम करेंगे तो हम और भी बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं.

सवाल: आपको भारतीय संगीत पसंद है, यदि हां तो किसे सुनना पसंद करती हैं?

ग्लोरिया बर्बेनाः आर रहमान का म्यूजिक मुझे पसंद है. मुझे क्लासिकल इंस्ट्रूमेंट भी पसंद हैं. तबला और सितार आत्मा को छू लेने वाली सुंदर और सुपर नेचुरल साउंड रूहानियत पैदा करते हैं.

सवाल: बचपन की कुछ खूबसूरत यादें जो हमारे साथ साझा कर सकती हों?

ग्लोरिया बर्बेनाः मेरी परवरिश उत्तरी कैलिफोर्निया में हुई. बचपन नेचुरल ब्यूटी के बीच गुजरा है. कैलिफोर्निया के बिग सुर समुद्र तट, सिएरा नेवादा पहाड़ों, नापा वैली वाइनयार्ड, गोल्डन गेट ब्रिज और सैन फ्रांसिस्को बे पर रहस्यमय कोहरे की बहुत सारी अद्भुत बचपन की यादें हैं. वो दिन कमाल के थे.

सवाल: बिजी शेड्यूल से जब फुरसत मिलती है, तो क्या करने में सबसे अधिक मजा आता है. आपके शौक क्या हैं?

ग्लोरिया बर्बेनाः भारत में देखने के लिए बहुत कुछ है. मुझे कला और लोकल मेलों की तलाश करना वहां घूमना फिरना, ट्रेडिशनल डांस परफॉर्मेंस में हिस्सा लेना और ट्रेडिशनल लोकल आर्टिस्ट के बारे में जानना उनकी कला को सीखना अच्छा लगता है. और हां, अपने पेट इसाबेला के साथ खेलना पसंद करती हूं.

 

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