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मेघालय के इस झील की विशेषता जानकर आप भी बना लेंगे यहां घूमने का प्लान

ट्रेवल न्यूज़ डेस्क !!! मेघालय में शिलांग, चेरापूंजी, मावसनराम, लिविंग रूट ब्रिज, सेवन सिस्टर्स फॉल्स जैसी कई जगहें हैं जहां भिन्न-भिन्न राज्यों से लोग घूमने आते हैं.लेकिन हाल ही में मेघालय की उमियाम झील पर्यटकों के बीच लोकप्रिय हो गई है. पहाड़ों से घिरी इस झील के साफ पानी की फोटोज़ अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं.यहां का नजारा देखकर आपको अहसास ही नहीं होगा कि ये खूबसूरत स्थान असल में हिंदुस्तान में है. लेकिन अब उमियाम झील पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है. यह उम्मिया मेघालय का आकर्षण बन गया है.अगर आप गुवाहाटी से शिलांग जाते हैं तो इस सड़क पर उमियाम झील आती है. यह पर्यटन केंद्र शिलांग से केवल 20 किमी दूर स्थित है. ये झील तस्वीर की तरह ही खूबसूरत है यदि आप यहां घूमने का प्लान बना रहे हैं तो ध्यान रखें कि झील देखने के लिए प्रवेश सिर्फ़ सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक है.

झील की एक विशेषता

आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि तालाब प्रकृति की देन नहीं हैं. झील का निर्माण असम विद्युत बोर्ड द्वारा किया गया था. 1965 में, पूर्ण राज्य बनने से लगभग सात वर्ष पहले, एक जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए मेघालय की एक पहाड़ी नदी उमियम पर एक बांध बनाया गया था.यह उत्तर-पूर्व हिंदुस्तान का पहला पनबिजली स्टेशन था. लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, यह जलविद्युत संयंत्र पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बन गया. यह बोला जा सकता है कि जलविद्युत स्टेशन एक पर्यटक केंद्र बन गया है.

उमियाम का मतलब क्या है?

खासी भाषा में, जो मेघालय राज्य में खासी समुदाय द्वारा बोली जाने वाली भाषा है, ‘उमियाम’ शब्द का अर्थ आंसुओं से बनी झील है. अब यह उमिया झील सेल्फी जोन बन गई है, लेकिन क्षेत्रीय भाषा में इस स्थान को ‘बारापानी’ के नाम से जाना जाता है.

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