लाइफ स्टाइल

रमजान के समय मुस्लिम इस वजह से करते हैं एतिकाफ

फिरोजाबाद:रमजान के महीने में मुसलमान धर्म के लोग नमाज़ और रोजे रख कर अल्लाह से सलामती की दुआएं मांगते हैं ‘एतिकाफ’ रमजान महीने के नफली यानी स्वेच्छिक इबादतों में से एक होता है इसमें आदमी दुनियादारी का त्याग कर दस दिनों के लिए पूरी तरह इबादत में मसरूफ हो जाता है आप इसे अल्लाह से रूजू होने के लिए पूरी तरह ध्यानमग्न होना कह सकते हैं 20वें रमजान को मगरिब की नमाज के बाद आदमी घर के किसी कोने, खाली कमरे या फिर मस्जिद में रहकर दस दिन इबादत में गुजारता है इसमें रोजे और नमाज के साथ नफिल नमाज और कुरान की तिलावत करता है

फिरोजाबाद के मौलाना आलम मुस्तफा याकुबी ने मीडिया से वार्ता में  कहा कि पैगंबर मोहम्मद स हर रमजान मुस्तैदी के साथ एतिकाफ में बैठा करते थे रमजान का महीना सबसे खास महीना माना जाता है इस महीने में लोग अपने-अपने हिसाब से रोजे रखते हैं और नमाज अदा करते हैं लेकिन इस महीने में एक रिवाज एतिकाफ का भी है जिसमें लोग मस्जिद में कैद होकर उसमे नमाज अदा करते हैं और अल्लाह से रहमत की दुआ मांगते हैं

वही महिलाएं भी घर के किसी खाली कमरे में कैद होकर अल्लाह से दुआएं मांगती हैं यह रिवाज रमजान महीने के अंतिम 10 दिनों में किया जाता है वहीं उन्होंने कहा कि रमजान के अंतिम 10 दिनों में पांच रातें विषम रातों में गिनी जाती हैं, जिनमें 21,23,25,27 और 29 रातों में सबे कद्र होता है जो किसी को नहीं पता कि किस रात को ये सब मिले, इसलिए लोग अपना सब कुछ छोड़कर अल्लाह से दुआ मांगते हैं और नमाज अदा करते हैं

गुनाहों से मिल जाती है माफी, हर चीज़ में मिलती है तरक्की

मौलाना ने कहा कि रमजान के महीने में एतिकाफ करने से लोगों के ऊपर रहमत की बरसात होती है ऐसा माना जाता है की अंतिम 10 दिनों में लोग सब कुछ छोड़कर अल्लाह से दुआ मांगते हैं, तो उनकी सभी दुआएं शीघ्र कबूल होती है और उन्हें सभी गुनाहों से भी माफी मिल जाती है इसके साथ ही उनके घर परिवार और व्यापार में काफी उन्नति होती है और लोग हमेशा खुशहाल रहते हैं

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