रामनवमी के दिन क्यों होती है हनुमान जी की पूजा, जानिए यहां
जमुई : ईश्वर श्री रामचंद्र जी के जन्मोत्सव को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। इस साल रामनवमी के दौरान रवि योग बन रहा है, जिस कारण इस साल की रामनवमी काफी खास मानी जा रही है। रामनवमी के दौरान लोग ईश्वर श्री राम की पूजा और आराधना करते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई प्रकार की सामग्री का भोग लगाते हैं। लेकिन, रामनवमी के दौरान लोग प्रभु श्री रामचंद्र जी के सबसे अनन्य भक्त हनुमान जी की भी पूजा-अर्चना करते हैं। ऐसी मान्यता है कि रामनवमी के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के सभी प्रकार के संकट का हरण हो जाता है। हनुमान जी को कलयुग का देवता भी माना गया है और बोला जाता है कि हनुमान जी की पूजा करने से प्रभु श्री रामचंद्र जी भी प्रसन्न हो जाते हैं।
क्या आप जानते हैं रामनवमी के दिन क्यों होती है हनुमान जी की पूजा
प्रख्यात राम कथा वाचक पंडित जगत कुमार पांडेय बताते हैं कि रामनवमी के दिन हनुमान जी की पूजा की जाती है, क्योंकि हनुमान जी ईश्वर श्री राम के सबसे अनन्य भक्त हैं और हनुमान जी की पूजा करने से प्रभु श्री रामचंद्र जी भी प्रसन्न होते हैं। इतना ही नहीं प्रभु हनुमान जी की पूजा करने के दौरान यदि ईश्वर राम के चरित्र का गुणगान किया जाए तो हनुमान जी भी अत्यंत प्रसन्न हो जाते हैं।
यही कारण है कि रामनवमी के दिन लोग अपने घर में हनुमान जी की ध्वजा का ही आरोहण करते हैं। इसे विजय पताका के रूप में भी देखा जाता है। ऐसे में यदि आप रामनवमी के दिन ईश्वर श्री रामचंद्र जी की पूजा कर रहे हैं, तो आप हनुमान जी की भी पूजा करें, ऐसा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
रामनवमी के दिन ऐसे करें ईश्वर राम और हनुमान जी की पूजा
पंडित जगत कुमार पांडेय ने कहा कि रामनवमी के दिन सूर्योदय से पूर्व उठाना चाहिए। स्नान ध्यान कर नवमी तिथि की पूजा करनी चाहिए। इस दौरान ईश्वर श्री राम का फोटो या मूर्ति के सामने दीप जलाकर सभी देवी-देवताओं का ध्यान करने भोग लगाना चाहिए।
प्रभु श्री रामचंद्र जी को फूल, मिष्ठान और फल आदि का भोग लगाना चाहिए। इसके बाद ईश्वर श्री रामचंद्र जी की आरती भी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि रामनवमी के दिन हनुमान जी की भी पूजा करने का विशेष फल माना जाता है। रामनवमी के दिन लाल वस्त्र पहनकर हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए, हनुमान जी को पंचामृत चढ़ाना चाहिए तथा बजरंग बाण या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए। इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के संकट खत्म होते हैं।