शकुनि के पासों में ऐसी क्या खास बात थी जिसके कारण पांडवों को जुए में एक भी जीत नहीं मिली…
शकुनि को महाभारत का सबसे चतुर और षडयंत्रकारी पात्र माना जाता है. यह तो आप जानते ही होंगे कि शकुनि गांधारी का भाई और कौरवों का मामा था, जिसके कारण महाभारत का युद्ध हुआ था. शकुनि ने ही दुर्योधन के मन में पांडवों के प्रति शत्रुता का बीज बोया और महाभारत का युद्ध कौरवों और पांडवों के बीच लड़वाया. जिसके बाद संपूर्ण कुरु वंश का नाश हो गया. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शकुनि के पासों में ऐसी क्या खास बात थी जिसके कारण पांडवों को जुए में एक भी जीत नहीं मिली?
Shakuni wanted to take revenge on Bhishma Pitamah.
आखिर शकुनि ने जानबूझकर यह सब क्यों किया, अपने भतीजों और बहन के परिवार को क्यों समाप्त किया. इस संबंध में एक कहानी यह है कि वह नहीं चाहते थे कि उनकी बहन गांधारी का शादी धृतराष्ट्र से हो. भीष्म के दबाव में गांधारी को धृतराष्ट्र से शादी करना पड़ा इसलिए बदला लेने के लिए वह हस्तिनापुर में रहने लगी और षड़यंत्र रचने लगी. वहीं कहानी का दूसरा भाग बहुत दंग करने वाला है। एक बार भीष्म पितामह को शकुनि की बहन गांधारी के बारे में ऐसी सच्चाई पता चली जिससे भीष्म क्रोधित हो गये. शकुनि नहीं चाहता था कि यह सच हो और यह बात उसे गांधारी के शादी से पहले ही पता थी.
इसके लिए भीष्म ने शकुनि के पूरे परिवार को जेल में डाल दिया. कारावास में सभी को इतना भोजन दिया जाता था कि वे धीरे-धीरे भूख से मर जाते थे, जब शकुनि के सभी भाई भोजन के लिए आपस में लड़ने लगे, तब उसके पिता ने फैसला लिया कि अब से सारा भोजन सिर्फ़ एक ही आदमी को दिया जाएगा. हम सभी उस आदमी को बचाने के लिए अपनी जान दे देंगे जो हमारे साथ हुए अन्याय का बदला लेगा.’ शकुनि सबसे छोटा था लेकिन बहुत चतुर और बुद्धिमान था इसलिए उसे सारा भोजन मिल गया. शकुनि अपने परिवार के साथ हुए अन्याय को भूल न जाए इसके लिए सभी ने मिलकर शकुनि का पैर तोड़ दिया जिसके कारण बाद में शकुनि लंगड़ाकर चलने लगा.
पिता की हड्डियों से पासे बनाये जाते थे.
जब बंदी ग्रह में शकुनि के पिता की मौत हो गई, तो उन्होंने शकुनि की चौसर में रुचि देखकर उसे अपनी हड्डियों से पासे बनाने के लिए कहा. इनमें मेरा क्रोध इतना भर जाएगा कि तुम्हें चौसर के खेल में कोई हरा न सकेगा. अपने पिता की हड्डियों से बने इन पासों के कारण ही शकुनि हमेशा पांडवों को हराने में सफल रहता था, जिससे उन्हें अपना सब कुछ हारना पड़ता था.