सांप के काटने पर क्या करें और क्या नहीं, यहाँ जानें…
छत्तीसगढ़ यानि घने जंगल, नदी और पहाड़। इसलिए सांप और जंगली जानवर यहां होना लाजिमी है। आम दिनों में भी यहां सांप के काटने की घटनाएं बहुत होती रहती हैं। लेकिन सांप के प्रति डर और उपचार में अज्ञानता के कारण कुछ लोग बेमौत मारे जाते हैं।
अगर बात करें कोरबा जिले की, तो यहां का जंगल बहुत समृद्ध है। यही कारण है यहां अनेक प्रजाति के जंगली जीव जंतु पाए जाते हैं। यहां कई विलुप्त प्रजाति के सांपों के अलावा, सबसे बड़ा विषधर बोला जाने वाला किंग कोबरा भी पाया जाता है। सांपों के संरक्षण के लिए यहां बहुत जल्द ही एक स्नेक पार्क बनाया जायेगा। इसकी तैयारी भी प्रारम्भ कर दी गई है। वनांचल क्षेत्र होने के कारण यहां सर्पदंश के मुद्दे भी ज़्यादा हैं।
डरे नहीं बचाव करें
सांप को देखते ही लोगों की हालत खराब हो जाती है, लोग डर जाते हैं और हड़बड़ी में गड़बड़ी कर बैठते हैं। इससे या तो सांप को मार दिया जाता है या सांप आदमी को काट लेता है। सांपों के संरक्षण और सर्पदंश से लोगों को बचाने के लिए जिले में काम कर रही स्नैक रेस्क्यू टीम के सदस्य जितेंद्र सारथी से Local 18 की टीम ने वार्ता की।
मार्च अप्रैल में भी बहुत काटते हैं सांप
सांपों के संरक्षण के लिए काम कर रहें जितेंद्र सारथी ने कहा कि वैसे तो सर्प किसी भी समय नज़र आ जाते हैं। लेकिन सर्पदंश के अधिक मुद्दे बरसात के मौसम में होते हैं। इसके साथ-साथ मार्च और अप्रैल का महीना सांपों का प्रजनन काल होता है। इसलिए इस समय भी सर्पदंश के मुद्दे सुनने या देखने को मिलते हैं। अक्सर सांप गर्मी से बचने ठंडी स्थान तलाश करते हुए रिहायशी इलाकों में पहुंच जाते हैं। घर की ठंडी स्थान पर अपना ठिकाना बना लेते हैं। इस वजह से भी शहरी इलाकों में सांप के काटने के ज्यादातर मुद्दे सामने आते हैं।
सांप से ऐसे करें बचाव
जितेंद्र सारथी ने कहा जब भी आपका सामना किसी सांप से हो, तो घबराने की आवश्यकता एकदम भी नहीं है। दिमाग को शांत रखें और सांप से पर्याप्त दूरी बना लें। सबसे पहली बात प्रयास करें, कि शांति बनाए रखें। सांप की दिशा में अचानक कोई हरकत न करें। ऐसा करने से सांप अपने बचाव के लिए आक्रामक हो जाते हैं। एक बात जान लें कि सांप आपके आसपास नहीं आना चाहते है। यदि उन्हें तंग करेंगे तो वो अपने बचाव के लिए धावा करते हैं। कई बार तेज आवाजें सांप को अपने रास्ते से हटाने में आपकी सहायता कर सकती हैं। वह डरकर भाग सकता है। लेकिन ऐसा करते समय दूरी बनाकर रखें। सांपों के कान नहीं होते, लेकिन कंपन के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं। तेज आवाज से सांप को अधिक शांत स्थान पर भागने के लिए विवश होना पड़ सकता है।
सांप के काटने पर क्या करें
सर्प मित्र जितेंद्र सारथी ने कहा सांप के काटने पर तबियत बिगड़ने का प्रतीक्षा नहीं करें, बल्कि आपातकालीन ट्रीटमेंट के लिए रोगी को हॉस्पिटल ले जाएं। जहां डॉक्टरों की नज़र में एंटी वेनम का डोज दिया जाएगा। जिस स्थान सांप ने काटा है, उस जगह को एकदम नहीं हिलाएं। ब्लीडिंग होने पर खून को बहने दें। सांप के काटे गए जगह पर चीरा एकदम भी ना लगाएं। एक बात का भी ध्यान रहे, आजकल सभी के पास SmartPhone होता है। इसलिए जब भी सांप काटे तो उसका एक फोटो जरूर ले लें। इसका लाभ ये होगा कि उसे देखकर चिकित्सक सांप की प्रजाति और वो कितना जहरीला है इसके आधार पर एंटी वेनम डोज दे सकता है।