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9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि होगी आरम्भ, जाने कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त

नवरात्रि में 9 दिन माता की पूजा अर्चना की जाती है प्रत्येक साल चैत्र नवरात्रि  (Chaitra  Navratri ) चैत्र शुक्ल के प्रतिपदा के दिन से आरम्भ होती है इस साल 9 अप्रैल बुधवार को चैत्र नवरात्रि आरम्भ होगी नवरात्रि में माता के नौ भिन्न-भिन्न स्वरूपों की पूजा होती है नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना और अखंड ज्योति जलाई जाती है नवरात्रि का रोजाना जरूरी है किन्तु अष्टमी एवं नवमी का बहुत अधिक महत्व है अष्टमी और नवमी को हवन पूजन के साथ कन्यापूजन का अनुष्ठान होता है

कलश स्थापना का मुहूर्त 9 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 2 मिनट से 10 बजकर 16 मिनट तक है
अभिजीत मुहूर्त 9 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक है

चैत्र नवरात्रि में अष्टमी की तिथि
नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी मनई जाती है इस दिन माता के महागौरी रूप की पूजा अर्चना होती है इस बार चैत्र नवरात्रि में अष्टमी की तिथि 15 अप्रैल को दोपहर 12 बजकर 11 मिनट से आरम्भ होकर 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट तक है ऐसे में अष्टमी पूजन 16 अप्रैल को होगी

चैत्र नवरात्रि में नवमी की तिथि
नवरात्रि की नवमी को माता के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है इस दिन हवन एवं कन्या पूजन के बाद व्रत रखने वाले भक्त पारण करते हैं चैत्र नवरात्रि में नवमी की तिथि 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से प्रारम्भ होकर 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट तक रहेगी चैत्र नवरात्रि की नवमी पूजन 17 अप्रैल को होगी चैत्र नवरात्रि की नवमी को प्रभु श्री राम का जन्मोत्सव भी मनाया जाता है

चैत्र नवरात्रि में अष्टमी और नवमी का महत्व
नवरात्रि में अष्टमी (Ashtami) और नवमी की तिथि अहम होती हैं अष्टमी एवं नवमी को हवन और कन्या पूजन के अनुष्ठान किए जाते हैं नवमी को व्रत का पारण भी होता है चैत्र नवरात्रि अप्रैल माह की 9 तारीख से आरम्भ हो रही है नवरात्रि का प्रत्येक दिन जरूरी है लेकिन अष्टमी और नवमी अत्यधिक धार्मिक महत्व रखती है

 

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