झांसी में छाया बिहार का लाजवाब प्रोटीन शेक
बिहार और पूर्वांचल में देसी प्रोटीन शेक के नाम से प्रसिद्ध सत्तू की लस्सी का जलवा अब बुंदेलखंड में भी अपना जलवा बिखेर रही है। बिहार से आए एक युवा ने यहां सत्तू की लस्सी की दुकान प्रारम्भ की है। झांसी शहर के विकास भवन के सामने उनकी यह दुकान झांसी और बुंदेलखंड में चर्चा केंद्र बना हुआ है। शहर के लोगों के साथ ही ग्रामीण इलाकों से आने वाले लोग भी यहां सत्तू की लस्सी पीने आते हैं।
दुकान को प्रारम्भ करने वाले राजा ने कहा कि वह बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले हैं। लगभग 5 वर्ष पहले वह झांसी काम खोजने के लिए आए थे। उन्होंने यहां एक फैक्ट्री में काम करना भी प्रारम्भ किया। लेकिन, कोविड-19 के दौरान उनकी जॉब चली गई। इसके बाद उन्होंने स्वयं का कोई व्यापार करने का सोचा। सर्दियों में उन्होंने लिट्टी चोखा की दुकान प्रारम्भ की थी। गर्मी की आरंभ में प्रयोग के तौर पर उन्होंने सत्तू की लस्सी का काम प्रारम्भ किया, जो अब बहुत प्रसिद्ध हो चुकी है।
ऐसे तैयार होती है लस्सी
राजा ने कहा कि वह भुने चना का सत्तू स्वयं घर में तैयार करते हैं। इसकी लस्सी तैयार करने के लिए वह ठंडे पानी में सत्तू, पीसा हुआ भूना जीरा, नमक और नींबू का रस मिलाते हैं। इसमें पुदीना की चटनी भी मिलाई जाती है। इन सभी चीजों को एक साथ मथा जाता है। इसके बाद बारीक कटे हुए प्याज और मिर्च के साथ उसे परोसा जाता है। एक गिलास की मूल्य 20 रुपये है। मीठे के शौकीन लोगों के लिए सत्तू की मीठी लस्सी भी बनाई जाती है। इसमें नमक की स्थान चीनी का प्रयोग किया जाता है।
सेहत के लिए सुपर टॉनिक है सत्तू
सत्तू की लस्सी स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभ वाला होती है। सत्तू में भरपूर मात्रा में फाइबर के साथ ही कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज और मैग्नीशियम भी होता है। इन अनेक पोषण तत्वों से भरपूर सत्तू का शरबत गर्मी के मौसम में बहुत लाभ वाला होता है। यह शरीर को ठंडक देता है और पाचन को दुरुस्त करता है। कब्ज, डायबिटीज को कंट्रोल करने के साथ ही यह शरीर को डिटॉक्स भी करता है।