सिर्फ डेढ़ माह मिलता है यह राजस्थानी फल, औषधीय गुणों का है खजाना
बीकानेर में कई ऐसे फल हैं, जो सीजन के मुताबिक उगते हैं। इनमें एक ऐसा फल है, जो ज्यादातर बीकानेर में ही उगता है। इसकी खेती भी यहां के लोग करते हैं। हम गूंदा की बात कर रहे हैं। गर्मी प्रारम्भ होते ही इस फल की डिमांड बाजार में बढ़ने लगती है, जो गर्मी के महीने में पेट को ठंडक प्रदान करता है और यही कारण है कि यह गर्मियों में इतना लोकप्रिय है।
इस गूंदा की सब्जी का आचार खाना लोग अधिक पसंद करते हैं। इस गूंदा के आचार की डिमांड इतनी रहती है कि राष्ट्र के कोने-कोने के अतिरिक्त विदेशों तक भी इसकी भारी डिमांड रहती है। यह आचार कई महीनों तक खराब नहीं होता है। राष्ट्र की शाही रसोई में गूंदा की सब्जी बनती है। इसकी सब्जी भी लोग बड़े चाव के साथ खाते हैं। यह सब्जी कई दिनों तक खराब नहीं होती है।
बेर की तरह होता है फल
दुकानदार विष्णु गहलोत ने कहा कि इसको रेशमा बोलते हैं और बीकानेर में गूंदा नाम से जाना जाता है। बीकानेर में इसकी बड़ी संख्या में खेती होती है। यह गूंदा पेड़ पर लगता है। इसमें बेर की तरह ही फल उगता है। अप्रैल से मई तक इसका सीजन रहता है। इस गूंदा का आचार और सब्जी भी बनता है। वे बताते हैं कि यह हरे रंग के गोल आकार का होता है। बाजार में इसे 60 रुपए किलो बेचा जा रहा है।
शरीर के लिए फायदेमंद
आयुर्वेदिक चिकित्सक अमित गहलोत ने कहा कि यह गूंदा शरीर के लिए काफी लाभ वाला रहता है, जो शरीर में घुटने और अन्य जॉइंट्स को ठीक करता है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिजों का एक समृद्ध साधन है, जो इसे आहार में इसे अतिरिक्त पौष्टिक बनाता है। यह पाचन में सहायता करता है और बीमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।