Bumblebees Underwater Study: क्या पानी के भीतर कई दिन तक जिंदा रह लेते हैं भौंरे…
Bumblebees Underwater Study: भौंरे पानी के भीतर डूबे रहने के बावजूद जिंदा रह लेते हैं। एक स्टडी में भौंरों की इस काबिलियत का पता चला है। नयी स्टडी से संकेत मिले हैं कि शायद भौंरे स्वयं को बाढ़ में बचा सकते हैं। जलवायु बदलाव की वजह से उनकी शीतनिद्रा को खतरा पैदा हो गया है। स्टडी की लीड ऑथर सबरीना रोंडेउ ने AFP से बोला कि भौंरे का अस्तित्व पारिस्थितिक तंत्रों के लिए बहुत अहम है। रोंडेउ के मुताबिक, स्टडी के नतीजे भौंरे की घटती जनसंख्या के चिंताजनक अंतरराष्ट्रीय रुझानों के बीच ‘उत्साह’ जगाते हैं। स्टडी की को-ऑथर निगेल राइन हैं जो गुएल्फ यूनिवर्सिटी से हैं। उन्होंने बोला कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते कारण पूरे विश्व में बार-बार और अत्यधिक बाढ़ आ रही है। यह ‘मिट्टी में रहने वाली प्रजातियों के लिए एक अप्रत्याशित चुनौती है’। जिन रानी भौंरों का इस्तेमाल इस स्टडी में हुआ, वे नॉर्थ अमेरिका में पाई जाती हैं। इस स्टडी को अन्य प्रजातियों में भी आजमा कर देखना होगा, तब पता चलेगा कि यह गुण कितना आम है।
पानी में डूबे रहने के बावजूद बच गए रानी भौंरे
रोंडेउ ने बोला कि रानी भौंरे डूबने का सामना कर सकती हैं, उन्हें पहली बार इसका पता एक हादसे से चला। वे मिट्टी में उपस्थित पेस्टिसाइड्स के अवशेषों के रानी भौंरे पर असर पर रिसर्च कर रही थीं। ये भौंरे सर्दियों में भूमिगत हो जाते हैं। जिन ट्यूब्स में उन्होंने भौंरों को रखा था, अचानक उनमें पानी भर गया। अपनी डॉक्टोरल स्टडीज के लिए प्रयोग कर रहीं सबरीना घबरा गईं। उन्होंने कहा, ‘यह कोई बड़ी बात नहीं थी, लेकिन मैं उन भौंरों को खोना नहीं चाहती थी। जब उन्होंने ट्यूब्स के भीतर देखा तो दंग रह गईं, रानी भौंरे बच गए थे। सबरीना के मुताबिक वे काफी समय से भौंरों पर रिसर्च कर रही हैं। उन्होंने कई लोगों से बात की और किसी ने नहीं बोला कि ऐसा संभव है।
रिसर्चर्स ने इसके बाद ठीक से स्टडी करने की सोची। उन्होंने शीतनिद्रा ले रहीं रानी भौंरों को ट्यूबों में रखा। इनमें से कुछ पानी में नहीं थीं, कुछ पानी में तैर रही थीं और कुछ पूरी तरह से पानी में डूबी हुई थीं। उन्हें प्लंजर की सहायता से आठ घंटे से लेकर सात दिनों तक के समय के लिए डुबोए रखा गया। 81 फीसदी रानी भौंरे न केवल सात दिनों तक बचे रहे, बल्कि सूखने के बाद आठ हफ्तों तक जिंदा रहे।