CGPSC प्रीलिम्स के क्वेश्चन पेपर से हटा दिए गए 7 सवाल
CGPSC SSE-2023 यानी CGPSC प्रीलिम्स के क्वेश्चन पेपर से 7 प्रश्न हटा दिए गए हैं। अब आंसर शीट का इवैल्यूएशन 100 की स्थान 93 प्रश्नों के आधार पर होगा। ये एग्जाम 11 फरवरी को हुआ था। क्वेश्चन पेपर के प्रश्नों और ठीक उत्तर पर आई आपत्तियों के बाद ये परिवर्तन किया गया है। अब पेपर से 7 GS के प्रश्नों को हटा दिया गया है। हालांकि, मार्किंग अब भी मैक्सिमम मार्क्स 200 लेकर ही की जाएगी।
11 मार्च को आयोग ने जारी की मॉडल आंसर की
16 फरवरी को एग्जाम की मॉडल आंसर की जारी कर दी गई थी। इस पर 27 फरवरी तक विरोध दर्ज करने के लिए समय दिया गया था। कैंडिडेट्स से मिली आपत्तियों के बाद 11 मार्च को छत्तीसगढ़ पब्लिक सर्विस कमीशन (CGPSC) ने परिवर्तन के बाद नयी मॉडल आंसर की जारी की। मॉडल आंसर की में भी 9 प्रश्नों के उत्तर भी बदले गए हैं। मॉडल आंसर की में परिवर्तन होने के बाद आशा है कि जल्द ही एग्जाम का परिणाम भी डिक्लेयर कर दिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त पिछले 5 वर्षों में CGPSC प्रीलिम्स के क्वेश्चन पेपर पर आई आपत्तियों के बाद कुल 45 प्रश्न हटाए जा चुके हैं। इस तरह से छह वर्षों में कुल 52 प्रश्न हटाए जा चुके हैं।
200 नंबर के पेपर-1 से हटे 7 सवाल, मेरिट लिस्ट से Mains के लिए सिलेक्शन
CGPSC प्रीलिम्स में हुए बदलावों के बाद कैंडिडेट्स के मन में ये प्रश्न है कि Mains के लिए क्वालिफिकेशन क्राइटेरिया क्या होगा। CGPSC प्रीलिम्स में दो एग्जाम होते हैं- पेपर 1 – जनरल स्टडीज और पेपर 2 – क्वालीफाइंग एग्जाम। जनरल स्टडीज का पेपर यानी पेपर-1 200 नंबरों का होता है। इसमें टोटल 100 प्रश्न होते हैं और प्रश्न के लिए 2 नंबर का होता है।
वहीं, पेपर-2 भी 200 नंबर का होता है। इसमें भी 2 नंबर के टोटल 100 प्रश्न होते हैं। इसमें क्वालिफाई होने के लिए कम से कम 33 मार्क्स यानी 23% स्कोर करना महत्वपूर्ण है।
प्रीलिम्स के पेपर-1 के मार्क्स के हिसाब से मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है। इस मेरी लिस्ट के आधार पर ही Mains के लिए सिलेक्शन होता है। इसी पेपर से 7 प्रश्न हटाए गए हैं। हालांकि, मेरिट लिस्ट 200 नंबरों के आधार पर ही तैयार की जाएगी।
सवालों का हटाया जाना मेहनत का अनादर है: CGPSC फैकल्टी
CGPSC प्रीलिम्स के क्वेश्चन पेपर से जनरल स्टडीज के 7 प्रश्न हटाने को लेकर कोचिंग में पढ़ाने वाले फैकल्टी अंकित अग्रवाल ने बोला है कि ये सीरियस तौर पर तैयारी कर रहे एस्पिरेंट्स के साथ अन्याय है। ये कैंडिडेट्स की मेहनत का अनादर है।
अच्छी बात ये है कि कैंडिडेट्स की विरोध के बाद प्रश्नों के ठीक उत्तर के साथ मॉडल आंसर बनाए गए हैं। ऐसे में कैंडिडेट्स को स्वयं अपना इवैल्यूएशन करने का समय भी मिल जाएगा और प्रबंध अधिक पारदर्शी बनेगी। क्वेश्चन पेपर के लिए प्रश्नों के चयन में सावधानी बरतनी की आवश्यकता है ताकि फाइनल क्वेश्चन पेपर से प्रश्न हटाने की आवश्यकता ही न पड़े।