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कोविड की दवा से बच्चे की आंख पड़ गई नीली,नए वैरिेएंट्स बढ़ा रहे हैं जोखिम

कोरोनावायरस का पिछले तीन वर्ष से जारी संक्रमण कई प्रकार से स्वास्थ्य के लिए समस्याएं बढ़ाता हुआ देखा जा रहा है संक्रमण के कारण फेफड़ों से लेकर दिल और कई अन्य अंगों पर भी नकारात्मक असर देखा गया है अध्ययनकर्ताओं ने कहा कि कोविड-19 का संक्रमण शरीर के अनेक हिस्सों को क्षति पहुंचा रहा है, इसके दीर्घकालिक जोखिम गंभीर हो सकते हैं ऐसे ही एक चौंकाने वाले मुद्दे में वैज्ञानिकों ने कहा कि Covid-19 की दवा लेने के बाद छह महीने के बच्चे की भूरी आंखें नीली हो गई हैं कोविड-19 के इस असामान्य चिकित्सीय दुष्प्रभाव ने सभी को अचरज में डाल दिया है

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बच्चा थाईलैंड का रहने वाला है और बुखार-खांसी के लक्षणों के बाद उसे कोविड-19 संक्रमित पाया गया था डॉक्टर्स ने कथित तौर पर उसे तीन दिनों के लिए एंटीवायरल दवा फेविपिराविर दी, इससे कोविड-19 के लक्षणों में सुधार होने लगा, हालांकि इसके बाद उसके आंखों के रंग में बदलाव देखा गया

स्वास्थ्य जानकारों ने कहा यह गंभीर दुष्प्रभाव है जिसको लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है

कोविड की दवा से बच्चे की आंख पड़ गई नीली

बच्चे की मेडिकल रिपोर्ट को जर्नल फ्रंटियर्स इन पीडियाट्रिक्स में प्रकाशित किया गया है शोध की रिपोर्ट के अनुसार बच्चे की आंखों में देखे गए इस प्रकार के अप्रत्याशित लक्षण के बाद डॉक्टरों ने तुरंत बच्चे को फेविपिराविर देना बंद कर दिया लगभग पांच दिनों के बाद बच्चे के आंखों का रंग वापस से ठीक हो गया

मेडिकल रिपोर्ट में लेखकों ने कहा कि दवा का इस प्रकार का दुष्प्रभाव केवल आंखों में ही देखा गया है त्वचा, नाखून या अन्य किसी हिस्से में रंग में कोई परिवर्तन नहीं आया है फेविपिराविर थेरेपी के 3 दिन बाद लक्षणों में सुधार हुआ

कोविड-19 के दवा के दुष्प्रभाव

गौरतलब है कि Covid-19 के इलाज के तौर पर हल्के कोविड-19 के लक्षण वालों के लिए फेविपिराविर को थाई मिनिस्ट्री ऑफ पब्लिक हेल्थ ने पिछले वर्ष ही मंजूर दी थी शोध की रिपोर्ट में डॉक्टर्स ने कहा है कि यह अपने तरह का पहला मुद्दा है जिसमें इस तरह के असामान्य लक्षण देखे गए हैं यह मुकदमा सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के उपचार के लिए इस दवा को प्राप्त करने वालों में इसके असामान्य प्रतिकूल प्रभावों के बारे में बताती है

स्वास्थ्य जानकार कहते हैं, कोविड-19 के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुकदमा तेजी से बढ़ रहे हैं, इससे होने वाले दुष्प्रभावों को लेकर सभी लोगों को अलर्ट रहने की जरूरत है

कोरोना को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन का अलर्ट

कोरोना के बढ़ते मामलों के देखते हुए डब्ल्यूएचओ (डब्ल्यूएचओ) ने सभी राष्ट्रों को अलर्ट रहने की राय दी है विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा, कई राष्ट्र जहां इन दिनों सर्दियों की आरंभ हो रही है वहां कोविड-19 के जोखिमों को लेकर सभी लोगों को सावधानी बरतते रहने की जरूरत है नए वैरिएंट्स के बढ़ते जोखिमों को ध्यान में रखते हुए टीकाकरण और कोविड-19 के मामलों की नज़र बढ़ाने की आवश्यकता है हालांकि कुछ राष्ट्रों में अब भी कोविड-19 के सीमित डेटा मौजूद हैं, विश्व स्वास्थ्य संगठन का अनुमान है कि पूरे विश्व में बड़ी संख्या में संक्रमितों के मुद्दे बढ़े हैं

नए वैरिेएंट्स बढ़ा रहे हैं जोखिम

डब्ल्यूएचओ के ऑफिसरों ने बताया, मध्य पूर्व और एशिया के कुछ हिस्सों में संक्रमण और मृत्यु के मुद्दे बढ़ रहे हैं, यूरोप के कई हिस्सों में संक्रमितों को इंटेंसिव केयर की आवश्यकता हो रही है नए वैरिएंट्स की संक्रामकता रेट अधिक देखी जा रही है, इसके अतिरिक्त इसमें देखे गए अतिरिक्त म्यूटेशंस के कारण उन लोगों में भी संक्रमण होने का खतरा अधिक देखा जा रहा है जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है या फिर जिनके शरीर में पहले के संक्रमण के बाद से प्राकृतिक प्रतिरक्षा बनी हुई है

 

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