इस गोलगप्पे को खाने से दूर हो जाती है खांसी
वैसे तो बुंदेलखंड के दमोह में स्वाद के शौकीनों के लिए कई चटकारेदार प्रसिद्ध रेसिपी हैं, लेकिन ‘महेश चाट’ का अपना ही क्रेज है। कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स से लेकर स्कूली छात्र-छात्राएं इस दुकान पर चाट खाने के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। इस दुकान की सबसे खास बात यह है कि यहां साफ सफाई के अतिरिक्त यहां के जलजीरा के कई लाभ हैं।
दुकानदार का दावा है कि यह जलजीरा गले और मुंह में उपस्थित छाले से लेकर खांसी, खट्टी डकारों को दूर कर देता है। यह जलजीरा धीमी आंच में सेंके गए जीरा, शाह जीरा और डोंड़ा से तैयार होता है। जलजीरा में न्यूनतम मसालों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे ग्राहक को पाचन संबंधी किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो सके। भीड़ अधिक होने के कारण यहां एक पत्ता चाट के लिए घंटों इंतज़ार करना पड़ता है।
दिल्ली से मिला 5 स्टार सर्टिफिकेट
यह दुकान बीते 70 वर्षों से पुराने दमोह में संचालित है, जहां के गोलगप्पे के पानी का अलग ही स्वाद है। यहां तक कि दिल्ली से आई खाद्य विभाग टीम ने इनके जलजीरा में उपस्थित मसालों को परखा। सब कुछ ठीक पाए जाने पर इन्हें फाइव स्टार सर्टिफिकेट से भी नवाजा। गोलगप्पे खाने आए रविन्द्र खरे ने कहा कि जब वह 12वीं पढ़ते थे, तब से यहां की चाट और गोलगप्पे खा रहे हैं। यहां तैयार होने वाले हर एक आइटम का एक अलग ही स्वाद है, जो आपको दमोह में कहीं और नहीं मिलेगा।
70 वर्षों से रिकॉर्ड बरकरार
दुकान संचालक रविंद्र कुमार बाजपेयी ने कहा कि उनकी यह दुकान सन्न 1970 से संचालित है। पिताजी ने 10 वर्ष दुकान चलाई, जिसके बाद 6वीं कक्षा से वह भी यहां आने लगे। वैसे घर से बाहर निकलते ही लोगों के मन को चाट, फुल्की के ठेले लुभाने लगते हैं, जिसके बाद बहुत से लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका असर पड़ने लगता है। लोग सर्दी, खांसी, जुकाम के शिकार हो जाते हैं, लेकिन हमारी दुकान में तैयार होने वाले जलजीरा में इतनी ताकत है कि 3 दिनों में ऐसी दिक्कतें रफू चक्कर हो जाएंगी। गले के छाले, गैस पास, खट्टी डकार इन अनेक प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा और यह रिकॉर्ड हमारा 70 वर्षों से बरकरार है