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मंगलवार के दिन करें ये उपाय, होगी धन की वर्षा

ज्योतिष न्यूज़ डेस्क: प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी देवता की साधना आराधना को समर्पित होता है वहीं मंगलवार का दिन हनुमान पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है इस दिन भक्त ईश्वर की पूजा आराधना करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं

लेकिन यदि आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं और इससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो ऐसे में मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर जाकर ईश्वर की वकायदा पूजा करें साथ ही हनुमान जी के समक्ष सरल पर बैठकर संकट मोचन स्तुति का पाठ भक्ति रेट से करें माना जाता है कि इसे लगातार सात मंगलवार तक करने से आर्थिक समस्याओं से राहत मिल जाती है और धन फायदा की प्राप्ति होती है तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं संकट मोचन स्तुति पाठ.

संकट मोचन स्तुति

बाल समय रवि भक्षि लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों.

ताहि सो त्रास भयो जग को, यह संकट काहु सों जात न टारो.

देवन आनि करी प्रार्थना तब, छाड़ि दियो रवि कष्ट निवारो..

को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो..

बालि की त्रास कपीस बसै गिरि, जात महाप्रभु पंथ निहारो.

चौंकि महामुनि शाप दियो तब, चाहिए कौन बिचार बिचारो.

कैद्विज रूप लिवाय महाप्रभु, सो तुम दास के शोक निवारो..

को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो..

अंगद के संग लेन गए सिय, खोज कपीश यह बैन उचारो.

जीवत ना बचिहौ हम सो जु, बिना सुधि लाये इहां पगु धारो.

हेरी थके तट सिन्धु सबै तब, लाए सिया-सुधि प्राण उबारो..

को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो..

रावण त्रास दई सिय को तब, राक्षसि सो कही सोक निवारो.

ताहि समय हनुमान महाप्रभु, जाए महा रजनीचर मारो.

चाहत सीय असोक सों आगिसु, दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो..

को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो..

बान लग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे सुत रावन मारो.

लै गृह बैद्य सुषेन समेत, तबै गिरि द्रोण सुबीर उपारो.

आनि संजीवन हाथ दई तब, लछिमन के तुम प्रान उबारो..

को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो..

रावन युद्ध अजान कियो तब, नाग कि फांस सबै सिर डारो.

श्री रघुनाथ समेत सबै दल, मोह भयो यह संकट भारो.

आनि खगेस तबै हनुमान जु, बंधन काटि सुत्रास निवारो..

को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो..

बंधु समेत जबै अहिरावन, लै रघुनाथ पताल सिधारो.

देवहिं पूजि भली विधि सों बलि, देउ सबै मिलि मन्त्र विचारो.

जाये सहाए भयो तब ही, अहिरावन सेना समेत संहारो..

को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो..

काज किये बड़ देवन के तुम, बीर महाप्रभु देखि बिचारो.

कौन सो संकट मोर गरीब को, जो तुमसो नहिं जात है टारो.

बेगि हरो हनुमान महाप्रभु, जो कछु संकट होए हमारो..

को नहीं जानत है जग में कपि, संकटमोचन नाम तिहारो..

लाल शरीर लाली लसे, अरु धरि लाल लंगूर.

बज्र शरीर दानव दलन, जय जय जय कपि सूर..

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