लाइफ स्टाइल

Festival 2024: अप्रैल में कब है चैत्र नवरात्र, जानें

festival in April 2024: चैत मास के शुक्ल पक्ष में कई अहम पर्व-त्योहार होंगे इसमे चैत नवरात्र, विकम संवत 2081 का आरंभ, चैती छठ, रामनवमी, कामदा एकादशी वत, चैत पूर्णिमा प्रमुख है चैत शुक्ल प्रतिपदा नौ अप्रैल यानी मंगलवार को रेवती नक्षत्र और वैधृति योग मे हिंदू नव संवत्सर का शुरुआत और वासंतिक नवरात्र कलश स्थापना के साथ प्रारम्भ होगा नये संवत के प्रथम दिन मंगलवार होने से इस साल के राजा मंगल होंगे

नौ अप्रैल से प्रारम्भ होगा चैत नवरात्र

चैत्र शुक्ल पतिपदा तिथि नौ अप्रैल को रेवती नक्षत्र और अश्विनी नक्षत्र के युग्म संयोग तथा सर्वार्थ अमृत सिद्ध योग में चैत्र मास का वासंतिक नवरात्र कलश स्थापना के साथ प्रारम्भ होगा 15 अप्रैल को पुनर्वसु नक्षत्र और सुकर्मा योग में माता का पट खुलेगा

चैत्र नवरात्रि कब से होगी शुरू

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि प्रारम्भ होती है, इस वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 08 अप्रैल को देर रात 11 बजकर 50 मिनट से प्रारम्भ होगी प्रतिपदा तिथि 09 अप्रैल को संध्याकाल 08 बजकर 30 मिनट पर खत्म होगी उदया तिथि के मुताबिक 09 अप्रैल को घटस्थापना के लिए शुभ समय सुबह 06 बजकर 02 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक है, इसके अतिरिक्त 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त है आप इन दोनों मुहूर्त में घटस्थापना कर सकते हैं

इस बार घोड़े पर सवार होकर आएंगी मां दुर्गा

चैत्र नवरात्र का शुरुआत नौ अप्रैल दिन मंगलवार को होने से देवी दुर्गा का आगमन घोड़े पर होगा चैत्र शुक्ल दशमी 18 अप्रैल को देवी की विदाई नर गाड़ी पर होगी, जो भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि आएंगी वहीं चैत्र शुक्ल नवमी 17 अप्रैल को पुष्य नकत्र और अश्लेषा नकत्र के युग्म संयोग में रामनवमी का त्योहार मनाया जायेगा इसी दिन ईश्वर विष्णु के सातवे अवतार मर्यादा पुरषोत्तम प्रभु श्रीराम प्रकट हुए थे

सूर्योपासना: आयुष्मान योग में होगा नहाय-खाय

चैत्र शुक्ल चतुर्थी 12 अप्रैल शुक्रवार को रोहिणी नकत्र और आयुष्मान योग में नहाय-खाय के साथ चैती छठ का महापर्व प्रारम्भ होगा 13 अप्रैल को मृगशिरा नक्षत्र और सौभाग्य योग में व्रती पूरे दिन उपवास कर संध्या काल में खरना के बाद प्रसाद गहण करेंगे चैत्र शुक्ल षष्ठी 14 अप्रैल को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा वहीं 15 अप्रैल को सप्तमी तिथि में उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर इस सूर्यपासना के महापर्व का समाप्ति हो जायेगा तथा व्रती पारण करेगी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button