75 सालों से इस दुकान में लोगों की चाट समोसा खाने के लिए जमकर उमड़ती है भीड़
जयपुर अपने पुराने टेस्टी जायके के लिए के लिए पूरे विश्व में फेमस है। यहां की छोटी-छोटी गलियों में वर्षों पुराने जायके के स्वाद की खुशबू बहती रहती है। ऐसे ही जयपुर के जोहारी बाजार में स्थित एक छोटी सी दुकान श्री राम चाट भंडार है जो 75 वर्ष से लोगों को टेस्टी जायके का स्वाद दे रही हैं। जयपुर की छोटी-छोटी गलियों में ऐसी ढेरों दुकानें हैं। जहां लोग दूर-दूर से सालों पुराना स्वाद लेने के लिए आते हैं। श्री राम चाट भंडार की दुकान को अब चौथी पीढ़ी चला रही हैं। लेकिन यहां आज भी कचौड़ी, समोसा और चाट का 75 वर्ष पुराना स्वाद बरकरार है। इस छोटी सी दुकान में लोगों की चाट समोसा खाने के लिए जमकर भीड़ उमड़ती है।
75 वर्षों से स्वाद बरकरार
श्री राम चाट भंडार को चला रहे भंवर लाल सैनी बताते हैं कि शेखावाटी से जयपुर आकार यह दुकान उनके दादाजी बिजृ लाल सैनी ने आजादी से पहले प्रारम्भ की थी। फिर उनके पिता मोतीलाल सैनी ने इसे आगे बढ़ाया और उसके बाद से वह लगातार 40 वर्ष से अपने पूर्वजों की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। भंवर लाल सैनी बताते हैं कि हमारी दुकान में कचौड़ी समोसा और चाट का स्वाद लेने के लिए लोग विदेशों तक से आते हैं। जयपुर घूमने आने वाले पर्यटक भी इस दुकान का पता करके यहां तक पहुंच जाते हैं।
इस खास ढंग करते हैं तैयार
भंवर लाल सैनी बताते हैं कि हमारे यहां सही घी में पिसे हुए मसालों से सभी प्रकार के चाट आइटम तैयार किए जाते हैं। जिनका स्वाद सबसे लाजवाब होता हैं। हमारे यहां पर लोग विशेष रूप से दाल और प्याज की कचौड़ी के लिए आते हैं क्योंकि हमारे यहां सब्जी और चटनी के साथ हम ग्राहकों को कचौड़ी देती हैं जिसे लोग खूब पंसद करते हैं। भंवर लाल सैनी बताते हैं कि आज भी वह स्वयं अपने हाथों से कचौड़ी समोसा और कांजी वड़ा, दही बड़ा, पापड़ी चाट तैयार करते हैं। जिसका स्वाद सबसे बेहतरीन होता हैं। क्योंकि हमारे गोपनीय मसाले और जायके से सभी आइटम तैयार किए जाते हैं। हमारे यहां कचौरी के अतिरिक्त सबसे अधिक डिमांड कांजी वड़ा की रहती हैं। भंवर लाल सैनी बताते हैं कि सुबह 8 बजे हमारी दुकान प्रारम्भ हो जाती है और रात 10 बजे तक यहां लगातार लोग टेस्टी व्यंजनों का स्वाद लेने के लिए लगातार आते रहते हैं।