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स्तन कैंसर!ब्रेस्ट में दिखें ये 6 लक्षण तो गलती से भी ना करें इग्नोर

Breast Cancer Awareness Month 2023: अक्टूबर महीने को विश्व भर में ‘ब्रेस्ट कैंसर अवेयरनेस मंथ’ के रूप में मनाया जाता है इस पूरे महीने कई ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर जैसी खतरनाक रोग के प्रति लोगों को सतर्क करने का कोशिश किया जाता है इसके लक्षणों, कारणों के बारे में जनकारी दी जाती है, ताकि महिलाएं समय रहते स्तन कैंसर (Breast Cancar)का उपचार प्रारम्भ करा कर अपने जीवन को बचा सकें पूरे विश्व में स्त्रियों में होने वाले कैंसर में स्तन कैंसर सबसे कॉमन है हर वर्ष लाखों महिलाएं इससे ग्रस्त होती हैं आखिर किन कारणों से स्त्रियों में ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है, इसके रिस्क फैकटर्स क्या हैं, आइए जानते हैं…

कैसे होता है ब्रेस्ट कैंसर?
कैंसरसेंटर डॉट कॉम में छपी एक समाचार के अनुसार, स्त्रियों में स्तन कैंसर तब होता है, जब ब्रेस्ट की कोशिकाओं में डीएनए उत्परिवर्तित (Mutate) या परिवर्तित होने लगता है इससे कोशिकाओं में वृद्धि और विभाजन को कंट्रोल करने वाले खास कार्य अक्षम हो जाते हैं कुछ मामलों में, ये उत्परिवर्तित कोशिकाएं मर जाती हैं या प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा उन पर धावा किया जाता है लेकिन कुछ कोशिकाएं प्रतिरक्षा प्रणाली से बच जाती हैं और अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, जिससे ब्रेस्ट में ट्यूमर बन जाता है

 

ब्रेस्ट कैंसर होने के रिस्क फैक्टर्स
कई जोखिम कारक हैं, जो स्त्रियों में स्तन कैंसर होने की संभावनाओं को बढ़ा देते हैं इसमें कुछ ऐसे जोखिम कारक शामिल हैं, जिन्हें आप स्वयं से बदल नहीं सकते हैं, जैसे परिवार में ब्रेस्ट कैंसर होने की हिस्ट्री, जेनेटिक्स, अधिक उम्र होना हालांकि, कुछ ऐसे भी रिस्क फैक्टर्स हैं, जिन्हें रोककर ब्रेस्ट कैंसर के विकास की संभावनाओं को काफी हद तक कम किया जा सकता है हालांकि, कई बार जिन स्त्रियों में कैंसर होने का जोखिम रहता है, उन्हें ब्रेस्ट कैंसर नहीं होता, वहीं जिनमें रिस्क फैक्टर्स एकदम नहीं होते, वे इस खतरनाक कैंसर की चपेट में आ जाती हैं हालांकि, हेल्दी लाइफस्टाइल को चुनकर इस गंभीर रोग से काफी हद तक स्वयं को सुरक्षित रख सकती हैं कुछ अन्य रिस्क फैक्टर्स जो ब्रेस्ट कैंसर की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं, इस प्रकार हैं-

-55 या इससे अधिक उम्र होने पर ब्रेस्ट कैंसर होने का रिस्क बढ़ जाता है
– ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम को बढ़ाने के लिए जेंडर भी है एक मुख्य कारण है मर्दों के मुकाबले स्त्रियों में ये रोग काफी अधिक होती है
– जो महिलाएं रोजाना एल्कोहल का सेवन करती हैं, उनमें भी स्तन कैंसर होने की आसार अधिक रहती है
– यदि आप मोटापे से ग्रस्त हैं तो इससे ना केवल डायबिटीज, हार्ट डिजीज होता है, बल्कि ब्रेस्ट कैंसर होने का खतरा भी बना रहता है
-जो महिलाएं शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहती हैं या कम चलती-फिरती हैं, उनमें ब्रेस्ट कैंसर होने का जोखिम काफी अधिक होता है ऐसे में बहुत महत्वपूर्ण है कि आप रोजाना एक्सरसाइज करें ब्रिस्क वॉक, रनिंग, जॉगिंग आदि करें जितना ही आप फिजिकली सक्रिय रहेंगी, उतनी ही फिट और हेल्दी रह सकती हैं

 

– कई बार पीरियड्स 12 वर्ष की उम्र से पहले होने और 55 वर्ष की उम्र के बाद मेनोपॉज होने के कारण भी ब्रेस्ट कैंसर होने का जोखिम कुछ स्त्रियों में बढ़ जाता है
– मां बनने के बाद यदि आपने अपने शिशु को स्तनपान नहीं कराया, तो ब्रेस्ट कैंसर डेवलप होने की आसार बढ़ सकती है ऐसे में शिशु के जन्म के बाद 6 महीने जरूर ब्रेस्टफीड कराएं
– यदि परिवार में ब्लड रिलेशन में किसी को ब्रेस्ट कैंसर हो चुका है तो इस खतरनाक रोग के होने का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है
– कई बर्थ कंट्रोल मेथड्स भी ब्रेस्ट कैंसर रिस्क को बढ़ा सकते हैं कॉन्ट्रासेप्टिव का सेवन, बर्थ कंट्रोल शॉट, बर्थ कंट्रोल इम्प्लांट, बर्थ कंट्रोल स्किन पैचेज आदि के अधिक इस्तेमाल से भी इस कैंसर के होने का रिस्क बढ़ सकता है

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