बढ़ते डेंगू के प्रकोप को देखते हुए अस्पताल में रोजाना 100 से 150 रोगी
बीकानेर। बीकानेर में बढ़ते डेंगू के प्रकोप को देखते हुए हॉस्पिटल में प्रतिदिन 100 से 150 बीमार आ रहे है। ऐसे में वे चिकित्सक की राय पर दवाई ले रहे है। वहीं कुछ लोग घरेलू नुस्खों से भी डेंगू का उपचार कर रहे है। इनमें वे नीम, एलोवेरा, गिलोय, चकुंदर का इस्तेमाल करके डेंगू को ठीक कर रहे है। इस कड़ी में बीकानेर के एक आदमी ने डेंगू के बढ़ते प्रकोप को कम करने में अपना अनोखा योगदान दे रहा है।
आमतौर पर लोग नीम, एलोवेरा, गिलोय के कड़वे स्वाद को देखते हुए इसे लेना कम पसंद करते है। इसी को ध्यान में रखते हुए बीकानेर के धर्मेंद्र अग्रवाल ने पहली बार हर्बल गोलगप्पे बनाए है। ऐसे में अब इनकी दुकान में वे स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य को ठीक रखने का बढ़ावा दे रहे है। धर्मेंद्र का बोलना है कि इन गोलगप्प्पों का स्वाद हल्का कड़वा होता है लेकिन ये स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प है जो इन मौसमी रोंगों से आपको बचा सकता है।
धर्मेंद्र अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने नीम, गिलोय, ग्वारपाठा, चकुंदर का गोलगप्पे बनाए है। इन गोलगप्पे को खाने से आदमी स्वस्थ रह सकेगा। इन सभी गोलगप्पे को बनाने में करीब तीन घंटे का समय लगा है। धर्मेंद्र लोगों को आयुर्वेद के ढंग से गोलगप्पे बना रहे है। वे अब तक करीब 150 गोलगप्पे बना चुके है। धर्मेंद्र का दावा है कि प्रतिदिन नीम, गिलोय, ग्वार पाठा, चकुंदर का गोलगप्पे खाने से बीमार भी नहीं होते है और स्वास्थ्य भी बिल्कुल ठीक रहता है।
इससे पहले भी धर्मेंद्र ने 151 तरह के गोलगप्पे बनाकर लिम्का बुक रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा चुके है। इसके अतिरिक्त वे 56 तरह के कांजी बड़े भी बना चुके है। साथ ही वे 15 किलो का समोसा भी उन्होंने बनाया है।
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