जानें महाशिवरात्रि की व्रत और पूजा विधि, मंत्र, मुहूर्त, पूजन सामग्री, भोग आदि के बारे में…
महाशिवरात्रि का व्रत शुक्रवार 8 मार्च को है। इस बार महाशिवरात्रि पर शुक्र प्रदोष, शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, सिद्ध योग और श्रवण नक्षत्र का शुभ संयोग बना है। महाशिवरात्रि के दिन ईश्वर शिव पहली दिव्य शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे। तब ईश्वर विष्णु और ब्रह्म देव ने पूजा की थी। महाशिवरात्रि के दिन शिव भक्त व्रत रखते हैं और महादेव की पूजा करते हैं। श्री कल्लाजी वैदिक यूनिवर्सिटी के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ मृत्युञ्जय तिवारी बता रहे हैं महाशिवरात्रि की व्रत और पूजा विधि, मंत्र, मुहूर्त, पूजन सामग्री, भोग आदि के बारे में।
महाशिवरात्रि 2024 पूजा सामग्री
एक शिवलिंग या ईश्वर भोलेनाथ की फोटा, जनेऊ, वस्त्र, रक्षासूत्र, बेलपत्र, भांग, शमी के पत्ते, मदार के फूल, फूलों की माला, गंगाजल, गाय का दूध, दही, शक्कर, सफेद चंदन, अक्षत्, इत्र, लौंग, इलायची, केसर, पान, सुपारी, शहद, बेर, मौसमी फल, भस्म, अभ्रक, कुश का आसन, खस, हवन सामग्री, माता पार्वती के लिए श्रृंगार सामग्री, साड़ी, एक दीपक, गाय का घी, कपूर, शिव चालीसा, शिव आरती और महाशिवरात्रि व्रत कथा की पुस्तक आदि।
शिव जी के भोग
हलवा, ठंडाई, मालपुआ, लस्सी, सफेद बर्फी, सूखा मावा, खीर आदि।
महाशिवरात्रि 2024 मुहूर्त
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का शुभारंभ: 8 मार्च, 09:57 पीएम से
फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि का समाप्ति: 9 मार्च, 06:17 पीएम तक
सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 06:38 एएम से सुबह 10:41 एएम तक
श्रवण नक्षत्र: 06:38 एएम से 10:41 एएम तक, फिर धनिष्ठा
महाशिवरात्रि पूजा का मंत्र
1. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
2. नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय।।
3. ओम नम: शिवाय
महाशिवरात्रि व्रत और पूजा विधि
1. महाशिवरात्रि को ब्रह्म मुहूर्त 05:01 से 05:50 के बीच दैनिक क्रियाओं से मुक्त होकर स्नान कर लें। साफ कपड़े पहनें और उसके बाद महाशिवरात्रि व्रत एवं शिव पूजा का संकल्प करें।
2. शुभ मुहूर्त में आप किसी शिव मंदिर या फिर घर पर ही भोलेनाथ की पूजा करें। शिव जी का जल और गाय के दूध से अभिषेक करें। फिर उनको अक्षत्, चंदन, फूल, माला, भस्म, आदि से सुशोभित करें।
3. ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए महादेव को बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, मदार के फूल, शहद, शक्कर, बेर, फल, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें। उसके बाद माता पार्वती की पूजा करें। उनको सुहाग सामग्री और लाल चुनरी अर्पित करें। दोनों का गठबंधन कराएं।
4. अब ईश्वर शिव को हलवा, ठंडाई, मालपुआ, लस्सी, सफेद बर्फी, सूखा मावा, खीर आदि को भोग लगाएं। शिव चालीसा और महाशिवरात्रि व्रत कथा पढ़ें। पार्वती चालीसा पढ़ें। उसके बाद शिवजी की आरती करें।
5. रात्रि के समय में जागरण करें। फिर अगले दिन सूर्योदय के बाद स्नान करके पूजा पाठ करें। क्षमता अनुसार, अन्न, वस्त्र आदि का दान दें। फिर पारण करके व्रत को पूरा करें। शिव कृपा से आपकी मनोकामनाएं पूरी होंगी।