Kundali Dosh:जल्दी विवाह के लिए कर सकते हैं ये उपाय
Kundali Dosh: यदि कोई लड़का-लड़की सुयोग्य है, लेकिन उसकी विवाह नहीं हो पा रही है तो इसका मतलब कुंडली गुनाह भी हो सकता हैं। ज्योतिष में कुंडली के कुछ ऐसे योग बताए गए हैं, जिनसे शादी में देरी होती है। बहुत कोशिशों के बाद भी शादी शीघ्र नहीं हो पाता है। यदि उनका शादी हो भी जाता है तो वैवाहिक जीवन बहुत कष्टकारी होता है। ज्योतिष शास्त्र में इसका कारण सप्तम रेट और सप्तमेश का पीड़ित होना कहा गया है। ज्योतिषाचार्य और टैरो कार्ड रीडर और वास्तु शास्त्र जानकार रितु तिवारी ने कहा कि कई बार सप्तमेश एवं सप्तम रेट पीड़ित नहीं रहता है, फिर भी कई लोगों का शादी नहीं होता है या बहुत देर होता है इसका कारण है सप्तम रेट एवं सप्तमेश की कमजोर स्थिति, जिसका ज्योतिषीय तरीका भी है।
विवाह में देरी होने का ज्योतिषीय कारण
सप्तम रेट का स्वामी यदि एकदम कमजोर है और सप्तम रेट पर किसी दूसरे ग्रह की दृष्टि नहीं है, जिसके कारण सप्तम रेट को बल मिले या किसी की दृष्टि भी है तो वह भी एकदम कमजोर है। तब ऐसी स्थिति में सप्तम रेट को किसी प्रकार का बल प्राप्त नहीं होता, जिसके कारण कई लोगों में कोई कमी ना होने के कारण भी शादी में बहुत विलंब हो जाता है या शादी नहीं हो पाता।
कुंडली के सप्तम रेट में बुध और शुक्र दोनों हो तो शादी की बातें होती रहती हैं, लेकिन शादी काफी समय के बाद होता है। यदि सप्तम रेट में शनि और गुरु हो तो विवाह देर होती है। यदि सप्तम में त्रिक रेट का स्वामी हो, कोई शुभ ग्रह योगकारक नहीं हो तो शादी में देरी होती है।
अगर किसी आदमी की कुंडली में सप्तमेश शुक्र है और वह एकदम कमजोर हैं। सप्तम रेट में बुध विराजमान है परंतु वह भी एकदम कामजोर है। दूसरे किसी ग्रह की सप्तम पर दृष्टि नहीं है, जिसके कारण ऐसे आदमी की शादी नहीं होती है। उस आदमी की अधिक उम्र होने के बाद भी शादी नहीं हो पाती है।
विवाह में देरी होने की वजह
यदि सप्तमेश एकदम कमजोर हो जाए या सप्तम रेट पर किसी ग्रह की दृष्टि ना हो या यदि किसी की दृष्टि हो भी तो वह भी एकदम कमजोर हो, तब सप्तमेश का रत्न धारण करना जरूरी है, उसके बिना वैवाहिक जीवन का सुख प्राप्त करना बहुत ही कठिन हो जाता है।
सप्तम में त्रिक रेट का स्वामी हो, कोई शुभ ग्रह योगकारक नहीं हो तो शादी में देरी होती है। यदि सूर्य, मंगल या बुध लग्न या लग्न के स्वामी पर दृष्टि डालते हों और गुरु बारहवें रेट में बैठा हो तो आदमी में आध्यात्मिकता अधिक होने से शादी में देरी होती है। वहीं लग्न (प्रथम) रेट में, सप्तम रेट में और बारहवें रेट में गुरु या शुभ ग्रह योग कारक न हो और चंद्रमा कमजोर हो तो शादी में बाधाएं आती हैं।
कुंडली के सप्तम रेट में बुध और शुक्र दोनों हो तो शादी की बातें होती रहती हैं, लेकिन शादी काफी समय के बाद होता है। वहीं चौथा रेट या लग्न रेट में मंगल हो और सप्तम रेट में शनि हो तो आदमी की रुचि विवाह में नहीं होती है। यदि सप्तम रेट में शनि और गुरु हो तो विवाह देर होती है। यदि चंद्र से सप्तम में गुरु हो तो विवाह देर से होती है। चंद्र की राशि कर्क से गुरु सप्तम हो तो शादी में बाधाएं आती हैं।
महिला की कुंडली में सप्तमेश या सप्तम रेट शनि से पीड़ित हो तो शादी देर से होता है। यदि राहु की हालात में विवाह हो या राहु सप्तम रेट को पीड़ित कर रहा हो तो विवाह होकर टूट सकती है। वहीं चौथा रेट या लग्न रेट में मंगल हो और सप्तम रेट में शनि हो तो आदमी की रुचि विवाह में नहीं होती है।
जल्दी शादी के लिए कर सकते हैं ये उपाय
- शिवजी के साथ ही माता पार्वती की भी पूजा करें। माता पार्वती की पूजा खासतौर पर लड़कियों को करनी चाहिए।
- माता पार्वती की पूजा में सुहाग का सामान चढ़ाएं। इससे शादी से जुड़ी बाधाएं दूर हो सकती हैं।
- रोज सुबह गणेशजी और रिद्धि-सिद्धि की पूजा करें, इनकी पूजा करने से घर-परिवार से जुड़ी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
- भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा एक साथ करें। शादी संबंधी मनोकामनाओं के इनकी पूजा खासतौर पर गुरुवार को जरूर करें।
- विवाह में गुरु, शनि और मंगल के कारण अधिक बाधाएं आती हैं, इसीलिए इन ग्रहों के तरीका करते रहना चाहिए।
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