आइए जानते हैं वैशाख अमावस्या की सही डेट, शुभ मुहूर्त, पूजाविधि और उपाय…
हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का बड़ा महत्व है. इस दिन पितरों के तर्पण और श्राद्ध इत्यादि के कार्य बहुत शुभ माने जाते हैं. इससे पितर प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. पंचांग के अनुसार, इस वर्ष 8 मई को वैशाख अमावस्या मनाई जाएगी. इस विशेष दिन पितृ गुनाह से मुक्ति पाने और स्नान-दान के कार्य से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.
कब है वैशाख अमावस्या ?
दृक पंचांग के अनुसार, इस वर्ष वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का शुरुआत 7 मई को सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर होगा और अगले दिन यानी 8 मई 2024 को सुबह 8 बजकर 52 मिनट पर खत्म होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, 8 मई को वैशाख अमावस्या मनाया जाएगा.
स्नान-दान का मुहूर्त :
ब्रह्म मुहूर्त : 4:11 एएम- 4:51 एएम
लाभ-उन्नति मुहूर्त : 5:34 एएम- 7:14 एएम
अमृत मुहूर्त : 7:14 एएम- 8:55 एएम
पूजाविधि :
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करें.
स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें और सूर्योदय को जल अर्घ्य दें.
पितरों का तर्पण करें और संभव हो, तो उपवास रखें.
इसके बाद क्षमतानुसार दान-पुण्य के कार्य में शामिल हों.
वैशाख अमावस्या के तरीका :
दान-पुण्य के कार्य : वैशाख अमावस्या के दिन गरीबों और जरूरतमंदों को अपने क्षमतानुसार कपड़े, चीनी, अनाज और धन का दान करें. मान्यता है कि ऐसा करने से जातक पर पितरों की कृपा हमेशा बनी रहती है.
पशु-पक्षियों की सेवा : अमावस्या तिथि के दिन पशु-पक्षियों के सेवा करना और उन्हें दाना खिलाना बहुत शुभ माना गया है. मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है.
इस मंत्र का जाप करें: वैशाख अमावस्या के दिन पितृ गुनाह से मुक्ति पाने के लिए ऊँ कुल देवताभ्यों नमः मंत्र का जाप करना फायदेमंद साबित हो सकता है.