राजस्थान में अब वाटर टूरिज्म का लुत्फ उठाएंगे सैलानी
राजस्थान में हर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन विभाग प्रयासरत है। धार्मिक टूरिज्म, स्पोर्ट्स टूरिज्म, वेडिंग डेस्टिनेशन टूरिज्म और वाटर टूरिज्म क्षेत्र (Water Based Tourism) में पर्यटन को बढाना पर्यटन मंत्री भी गंभीर है।पर्यटक को हर टूरिज्म क्षेत्र में सुविधाएं मिले इसके लिए विभागीय ऑफिसरों को पर्यटन मंत्री दिया कुमारी ने जरूरी गाइड लाइन दिए है। पिछली गवर्नमेंट ने वाटर टूरिज्म को बढ़ाने की घोषणा की गई थी।
जिसके अनुसार राज्य के 7 जिलों में स्थित 9 बांध को चिह्नित किया गया। राजस्थान में देशी-विदेशी पर्यटकों की आवक और ठहराव बढ़ाकर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए अजमेर, जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, पाली तथा उदयपुरवाटी झुंझुनूं के प्रमुख नौ बांध को वाटर बेस्ड पर्यटन गतिविधियों के अनुसार ईको एडवेन्चर टयूरिज्म साइट के रूप में विकसित कि जाने की बात कही गयी थी।
साथ ही कोटा में चम्बल नदी पर पर्यटकों के लिए क्रूज़ ,स्पीड बोटिंग और जयपुर के नेवटा डैम को भी विकसित किया जाना था। बता दे पर्यटन मंत्री दिया कुमारी ने बोला विभाग की और से सब संभव कोशिश किये जा रहे है। रोड, रेल एयरवेज कनेक्टिविटी भी विकसित की जाएगी साथ ही जो घोषणाएं पिछली गवर्नमेंट में हुई थी, उन पर काम भी प्रारम्भ कर दिया गया है।राजस्थान को टूरिज्म के नाम पर नंबर 1 पर लाना हमारा लक्ष्य है शीघ्र ही पर्यटकों को राजस्थान में वाटर बेस्ड टूरिज्म भी देखने को मिलेगा, विभाग काम कर रहा है।धोरों की धरती राजस्थान पर अब जल्द ही वाटर बेस्ड टूरिज्म (Water Based Tourism) विकसित कर यहां आने वाले सैलानियों को लुभाएगा। पर्यटन मंत्री के बयान के बाद राजस्थान में पर्यटन की फिजां बदलने वाली है। राजस्थान टूरिज्म हब की तरफ बढ़कर पर्यटकों को लुभाने के लिए वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी को बढ़ावा दिया जाएगा। जिसके अनुसार राज्य के 7 जिलों में स्थित 9 बांध को चिह्नित किया गया। यदि सब कुछ योजनाबद्ध ढंग से हुआ तो जल्द ही राजस्थान राष्ट्र का सबसे बड़ा टूरिज्म हब बन जाएगा।