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अंबिकापुर में लगे स्वदेशी महोत्सव मेला में शरदियों के लिए मिल रहें हैं पश्मीना शॉल, कीमत जानकर आप हो जाएंगे हैरान

अंबिकापुर के बनारस चौक के निकट में इन दिनों स्वदेशी महोत्सव का दुकानें सजी हुई हैं जब बात स्वदेशी की होती है, तो वहां वोकल फॉर लोकल का भी महत्वपूर्ण होना चाहिए अंबिकापुर में लगे स्वदेशी महोत्सव मेला में जम्मू कश्मीर की शॉल पर चर्चा हो रही है यहां हैंडलूम से बनी पश्मीना शॉल की बहुत चर्चा हो रही है कहा जा रहा है कि पश्मीना शॉल की मूल्य 10 हजार रुपये से 50 हजार रुपये तक की है जम्मू कश्मीर की पहचान हस्तशिल्प और प्राकृतिक दृश्यों से होती है

आपको बता दें कि कश्मीर न सिर्फ़ अद्भुत सीन के लिए जाना जाता है, बल्कि अपने हस्तशिल्प और कश्मीरी उपहार-वस्तुओं के लिए भी मशहूर है कश्मीरी कलाकृति अपने अद्भुत कलात्मक कार्य और भव्यता के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है कश्मीर की हस्तशिल्प और वस्तुओं में विश्व मशहूर कालीन, पश्मीना शॉल, पेपर माचे से बनी डेकोरेटिव आइटम्स, लकड़ी पर नक्काशी की चीजें और कुर्ते शामिल हैं, जो कि राष्ट्र और विदेश में बहुत पसंद की जाती है

4 सालों से लगा रहे दुकान
स्वदेशी मेले में दुकान लगाने आए दुकानदार ने कहा कि मैं 4 सालों से अंबिकापुर में आ रहे हैं यहां कश्मीर की बनी हैण्डलूम की डिमांड काफी अच्छी है पश्मीना शॉल और शूट की खूब डिमांड होती है दुकानदार ने कहा कि यह शॉल लद्दाख के जंगलों में मिले जंगली जानवरों के बाल से बनाई जाती हैं जानकारी के मुताबिक, इस शॉल को बनाने में जंगली बकरे के बाल का इस्तेमाल किया जाता है शॉल में बनाई गई डिजाइन पूरी तरह गांव में लोग बनाते हैं इससे ग्रामीणों को एक अच्छा रोजगार मिलता है


20% का डिस्काउंट ऑफर 

दुकानदार ने कहा कि पश्मीना शॉल पर 20% का भारी छूट दी जा रही है इसके साथ ही, यदि कोई शॉल में कुछ अलग डिजाइन चाहता है, तो आर्डर पर बनाया जा सकता है

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