घर की वास्तुदोष का इस तरीके से करे दूर
Vastu Tips : घर के वास्तु गुनाह के कारण कई बार केवल घर के मुखिया पर ही आफत आती है और घर के दूसरे सदस्यों को भी कठिनाई होती है। कभी कभी ये वास्तुदोष मृत्युतुल्य कष्ट दे सकते हैं। ऐसे में तुरंत इस तरह के वास्तुदोष का नाश करना महत्वपूर्ण है।
वास्तुशास्त्र के मुताबिक दक्षिण की एक दीवार से मिले हुए दो मकान यमराज के समान होते हैं, जो गृहस्वामी का नाश करने की ताकत रखते हैं। वहीं भवन यदि भूखंड के उत्तर या पूर्व में है तो अनिष्टकारी साबित होता है। गृहस्वामी की संपत्ति का नाश भी इस वास्तुतोष के चलते हो सकता है।
जिस घर की दक्षिण दिशा में जलाशय होता है, उस घर की स्त्रियों पर अत्याचार होते हैं। यदि दक्षिण में जलाशय है तो घर की मालकिन गंभीर रोग से पीड़ित हो सकती है। ऐसे किसी वास्तुदोष के होने पर घर के सभी सदस्य परेशान होते हैं।
वहीं यदि भवन के मध्य में भोजन कक्ष है, तो गृहस्वामी को कई तरह की चुनौतियों को झेलना होता है और उसका जीवन संघर्षमय हो जाता है। यदि भवन के मध्य में लिफ्ट या शौचालय है तो घर के नाश का कारण बन सकता है। वहीं पूर्व दिशा निर्माण के चलते यदि पश्चिम से भारी घर हो तो हादसों का डर बना रहता है।
घर की आग्नेय दिशा में वट, पीपल, सेमल, पाकर और गूलर का पेड़ हो तो घर के मुखिया को परेशानियां झेलनी पड़ती है और उसकी मौत तक हो जाती है। घर के मेन गेट के सामने रोड या फिर पेड़ हो तो मकान मालिक को कई बीमारी हो सकते हैं।
ईट, लोहा, मिट्टी , पत्थर या लड़की जो किसी दूसरे मकान ने निकाली गयी हो प्रयोग नहीं करनी चाहिए। नींव खुदाई के समय भी भूमि पर राहु के मुख की स्थिति देखकर ही खुदाई होनी चाहिए। यदि राहु के मुख पर खुदाई की जाए तो गृहस्वामी पर विपत्ति आती है या उसका नाश तक हो सकता है।