यहां देखिए प्रदोष व्रत का क्या है सही मुहूर्त
फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका दहन के साथ इस महीने रंगों का त्योहार होली मनाया जाएगा। होली के दौरान लोग रंगों उत्सव मनाएंगे। लेकिन, होली से ठीक पहले ईश्वर भोलेनाथ को खुश करने का एक मौका है। इस दिन ईश्वर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना कर आप अपनी इच्छा पूरी कर सकते हैं। दरअसल, होली से ठीक पहले इस महीने का अंतिम प्रदोष व्रत मनाया जाएगा। प्रदोष व्रत को लेकर भी लोगों में संशय की स्थिति बनी है। लोग इस बात को लेकर संशय में है कि प्रदोष 22 या 23 मार्च को मनाया जाए।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोहर आचार्य बताते हैं कि प्रदोष व्रत के दौरान ईश्वर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करने से कई प्रकार का फायदा मिलता है।
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोहर आचार्य ने कहा कि 22 मार्च की सुबह 4:44 बजे फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आगमन होगा। अगले दिन 23 मार्च सुबह 7:17 बजे तक त्रयोदशी तिथि होगी। ऐसे में उदया तिथि और प्रदोष काल पूजा मुहूर्त को ध्यान में रखकर 22 मार्च को ही प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
उन्होंने कहा कि मार्च माह के दूसरे प्रदोष व्रत को लेकर 22 मार्च का दिन ठीक रहेगा। इस दिन शाम 6:34 से रात 8:55 तक प्रदोष काल पूजा का शुभ मुहूर्त बन रहा है और इसी शुभ मुहूर्त में ईश्वर भोलेनाथ की पूजा करनी चाहिए।
भगवान भोलेनाथ की पूजा से मिलेगा लाभ
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोहर आचार्य ने कहा कि प्रदोष व्रत के दौरान ईश्वर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस दिन सुबह स्नान आदि करके ईश्वर भोलेनाथ की पूजा करें और शिवलिंग पर जल अर्पण करें। इसके बाद संध्या काल में ईश्वर भोलेनाथ को बेलपत्र, फूल, धतूरा, आक के फूल और भस्म अर्पित कर पूजा करें।
इस दौरान ईश्वर शिव जी के बीज मंत्र “ओम नमः शिवाय” का भी जाप करें तथा शिव चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने से ईश्वर भोलेनाथ प्रसन्न होंगे तथा आपके सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करेंगे।