इस मंदिर की खासियत को देखकर नवाब तक हो गए थे चकित, पूजा-अर्चना कर टेका माथा
भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए सोमवार का दिन विशेष होता है। जनपद रामपुर में मंदिरों की कमी नहीं है। यहां पर कई देवी-देवताओं के मंदिर हैं और इन से जुड़ी खास मान्यताएं भी हैं। जिले की तहसील में एक मंदिर ऐसा है, जहां 250 साल पूर्व पवित्र शिवलिंग के रूप में महादेव स्वयं प्रकट हुए थे। इस मंदिर की विशेषता है कि रामपुर के नवाब हामिद अली खान ने इस मंदिर का निर्माण कराया और मंदिर में पूजा-अर्चना कर माथा टेका
मंदिर के पुजारी अनिल नाथ के अनुसार जिला मुख्यालय से लगभग 40-45 किलोमीटर दूर पुरानी तहसील शाहाबाद के लक्की बाग में करीब 250 साल पूर्व यहां शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था। जिनको साधारण पत्थर समझकर रामपुर के नवाब ने उखाड़ने का कोशिश किया। हाथियों के द्वारा शिवलिंग के चारों ओर से खुदवाकर जंजीर से खिंचवाया गया और शिवलिंग पर अस्त्र शस्त्र हथौड़े चलवाये, किंतु शिवलिंग को नहीं उखाड़वाया जा सका। हथौड़े की चोट से शिवलिंग से खून, दूध और जल की धारा बहने लगी। ये देख नवाब चकित रह गए और उन्होंने माना कि यह कोई साधारण पत्थर नही बल्कि चमत्कारी शिवलिंग है। जिसके बाद नवाब हामिद अली खान ने इस मंदिर का निर्माण कराया और स्वयं धोती कुर्ता पहन कर शिवलिंग पर जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की।
महंत ने कहा कि इस दिव्य शिवलिंग पर जल चढ़ने के लिए बड़ी दूर दूर से लोग आते हैं। मुरादाबाद, दिल्ली, मेरठ और अन्य बड़े-बड़े शहरों से यहां लोग आते हैं। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि जिनके बच्चे नहीं होते, वो यहां आते हैं और शिवलिंग पर जल चढ़ाकर गाय के गोबर की सतिया बनाकर मन्नत मांगते हैं। इच्छा पूरी होने पर लोग अपने बच्चों का मुंडन भी इसी मंदिर में ही कराते हैं। पूरे विश्व से लाखों की संख्या में लोग यहां चमत्कारी शिवलिंग के दर्शन करने के लिए लंबी लाइन में लगते हैं और ईश्वर भोलेनाथ के दर्शन मात्र से धन धान्य से परिपूर्ण हो जाते हैं।