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अक्षय पुण्य देने वाला पर्व: सप्त महायोग में करें खरीदारी

आज अक्षय तृतीया है. इस दिन को शुभ मुहूर्त का दर्जा मिला हुआ है. माना जाता है कि इस दिन किया गया काम शुभ और लाभ देने वाला होता है.

ग्रंथों के अनुसार इस दिन जरूरतमंद लोगों को किए गए दान से मिलने वाला पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है. ये दिन खरीदारी और नयी आरंभ के लिए भी अक्षय लाभ देने वाला माना जाता है. आज नयी आरंभ और खरीदारी के लिए अबूझ मुहूर्त है. यानी पूरे दिन धर्म-कर्म से लेकर सभी खास काम कर सकते हैं.

पंडितों का मानना है कि अक्षय तृतीया शुरुआत का पर्व है. इस दिन किया गया दान, पूजन, हवन सहित सभी पुण्य कार्य अक्षय फल देते हैं.

मांगलिक या शुभ काम करने के लिए भी ये तिथि ही सबसे अच्छी मानी जाती है, क्योंकि ज्योतिष ग्रंथों में इसे स्वयं सिद्ध मुहूर्त बोला गया है. यानी बिना पंचांग देखे इस दिन कोई भी काम कर सकते हैं. उसमें सफल होना तय माना जाता है.

सात महायोग और सूर्य-चंद्रमा उच्च राशि में
सितारे भी इस पर्व को बहुत खास बना रहे हैं. ज्योतिषियों का बोलना है कि इस बार सूर्य, चंद्रमा उच्च राशि में और शनि अपनी ही राशि में रहेंगे. साथ ही मित्र, मानस, पारिजात, गजकेसरी, अमल, वासी और शश नाम के सात शुभ योग बन रहे हैं. ऐसा संयोग सैकड़ों वर्षों में एक बार बनता है. जिससे इस दिन किए कामों से सुख और समृद्धि बढ़ेगी.

सितारों के इस शुभ संयोग के चलते अक्षय तृतीया पर किए गए स्नान-दान से महापुण्य मिलता है. ग्रंथों के अनुसार इस दिन 14 तरह की चीजों का दान करने की परंपरा है. धर्मग्रंथों के जानकारों का बोलना है कि आर्थिक स्थिति ठीक न हो तो इनमें से किसी एक चीज का भी दान करने से महापुण्य मिलता है. इनके अतिरिक्त जरूरतमंद लोगों को मौसम के हिसाब से महत्वपूर्ण चीजों का दान कर सकते हैं.

मान्यता है कि जो लोग सोना नहीं खरीद सकते, वो किसी भी धातु से बनी ईश्वर की मूर्ति खरीद सकते हैं. सोने के अतिरिक्त अक्षय तृतीया पर कीमती धातुओं, ज्वेलरी, मशीनरी और भूमि-भवन की खरीदारी खासतौर से की जाती है. इनके अतिरिक्त कपड़े, बर्तन, फर्नीचर भी खरीद सकते हैं. इस पर्व पर रियल एस्टेट में निवेश करने की भी परंपरा है. साथ ही जॉब और बिजनेस का खास एग्रीमेंट भी इस दिन करना लाभ वाला होता है.

शादी की परंपरा: इस दिन कन्या दान से अक्षय पुण्य
अक्षय तृतीया अबूझ मुहूर्त है. इस दिन विवाह करने के लिए मुहूर्त निकलवाने की आवश्यकता नहीं पड़ती. पद्म, नारद और स्कंद पुराण समेत कई ग्रंथों का बोलना है कि अक्षय तृतीया पर किए गए दान से मिलने वाला पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है. वहीं, पुराणों में कन्या दान को महादान बोला गया है, इसलिए इस दिन बहुत से लोग शादियां करते हैं.

इस वर्ष अक्षय तृतीया पर गुरु और शुक्र अस्त है. इस कारण शादियों के मुहूर्त नहीं है, क्योंकि पंडितों का बोलना है कि अबूझ मुहूर्त होने पर भी यदि गुरु या शुक्र ग्रह अस्त हो तो विवाह नहीं करनी चाहिए.

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