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17 सितंबर को सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश, जानें कैसा रहेगा सभी राशियों पर इसका प्रभाव

ग्रहों के राजा सूर्य 17 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 30 मिनट पर अपनी सिंह राशि की यात्रा खत्म करके बुध की कन्या राशि में प्रवेश करेंगे, जहां ये 17 अक्टूबर की मध्यरात्रि पश्चात 1 बजकर 29 मिनट तक गोचर करेंगे उसके बाद तुला राशि में चले जाएंगे. इनके राशि बदलाव का पृथ्वी वासियों पर सर्वाधिक असर पड़ता है, अतः कन्या राशि पर इनका गोचर अन्य सभी राशियों के लिए कैसा रहेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं.

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मेष राशि

राशि से छठे दुश्मन रेट में गोचर करते हुए सूर्य का असर बेहतरीन रहेगा. काफी दिनों से लंबित पड़े हुए न्यायालय न्यायालय के मुद्दे सुलझेंगे. गुप्त दुश्मन परास्त होंगे. यात्रा देशाटन का फायदा मिलेगा. किसी भी तरह की सरकारी सर्विस के लिए आवेदन करना चाह रहे हों तो उस दृष्टि से भी ग्रह गोचर अनुकूल रहेगा. सोची-समझी रणनीति कारगर सिद्ध होगी. इसलिए फैसला लेने में विलंब न करें. स्वास्थ्य विशेष करके अस्थिरोग और नेत्र विकार से संबंधित परेशानी से सावधान रहें.

वृषभ राशि-

राशि से पंचम विद्या रेट में गोचर करते हुए सूर्यदेव का असर कई तरह के अप्रत्याशित परिणामों का सामना करवाएगा. विद्यार्थियों एवं प्रतियोगिता में बैठने वाले विद्यार्थियों के लिए इनका गोचर किसी वरदान से कम नहीं है विशेषकर के वैज्ञानिक अथवा शोधकार्यों में लगे हुए विद्यार्थियों के लिए तो इनका असर और भी अच्छा रहेगा. संतान संबंधी चिंता दूर होगी. नव दंपति के लिए संतान प्राप्ति एवं प्रादुर्भाव के भी योग. प्रेम संबंधी मामलों में उदासीनता रहेगी. परिवार के वरिष्ठ सदस्यों तथा बड़े भाइयों से मतभेद बढ़ने न दें.


मिथुन राशि-

राशि से चतुर्थ सुख रेट में गोचर करते हुए सूर्य का असर अधिकांश उतार चढ़ाव ही वाला रहेगा. सफलताओं के बावजूद कहीं न कहीं किसी कारण से पारिवारिक कलह और मानसिक अशांति का सामना करना पड़ेगा. मित्रों तथा संबंधियों से भी अप्रिय समाचार प्राप्ति के योग. यात्रा सावधानीपूर्वक करें. गाड़ी हादसा से बचें और सामान भी चोरी होने से भी बचाएं. जमीन जायदाद संबंधी मामलों में फायदा मिलेगा. मकान अथवा गाड़ी का भी क्रय कर सकते हैं.


कर्क राशि-

राशि से तृतीय पराक्रम रेट में गोचर करते हुए सूर्य का असर हर तरह से लाभदायक ही रहेगा. परिवार में छोटे भाइयों से मतभेद बढ़ने न दें. साहस और पराक्रम की वृद्धि होगी. अपनी ऊर्जाशक्ति के बलपर मुश्किल परिस्थितियों पर भी सरलता से नियंत्रण पा लेंगे. धर्म और आध्यात्म के प्रति रुचि और बढ़ेगी. धार्मिक ट्रस्टों तथा अनाथालय आदि में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे और दान-पुण्य करेंगे. सरकारी विभागों में प्रतीक्षित पड़े कार्य संपन्न होंगे. उच्चाधिकारियों से संबंध बिगड़ने न दें.


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