बृहस्पति के इस बर्फीले चंद्रमा पर कम है ऑक्सीजन
बृहस्पति का बर्फीला चंद्रमा है ‘यूरोपा’। लंबे समय से ऐसा माना जाता रहा है कि सौरमंडल में इंसानों के लिए रहने के लिए यह सबसे उपयुक्त है। हालांकि, वैज्ञानिकों के इस आशा को झटका लगा है। जूनो मिशन ने पहली बार सीधे तौर पर बृहस्पति पर वायुमंडल का नमूना लिया। यह नासा का मिशन है। इसमें पता चला कि ‘यूरोपा’ की बर्फीली सतह पर अनुमान से बहुत कम ऑक्सीजन है। ‘यूरोपा’ पर ऑक्सीजन कम होने के कारण यहां जीवन की संभावनाएं प्रभावित हो सकती हैं। जूनो अंतरिक्ष यान ने 2022 में ‘यूरोपा’ के 353 किमी तक के क्षेत्र से नमूने एकत्र किये थे और शोध से पता चला है कि ‘यूरोपा’ पर प्रति सेकेंड 13-39 पाउंड (6-18 किलो) ऑक्सीजन का ही उत्पादन होता है। इसके पहले संभावना व्यक्त किया गया था कि ‘यूरोपा’ पर प्रति सेकेंड 2,245 पाउंड (1100 किलो) ऑक्सीजन का उत्पादन होता है, जिससे इस ग्रह पर जीवन की संभावनाओं की आशा जगी थी। शोध से पता चलता है कि सतह का क्षरण बहुत कम होता है। साथ ही यह प्रति दस लाख साल में ‘यूरोपा’ की सतह का सिर्फ़ 1.5 सेमी हो सकता है, जो हमने जितना सोचा था उससे कम है। वर्तमान में ‘यूरोपा’ पर जीवन के लिए तीन बुनियादी तत्व (पानी, ठीक रासायनिक तत्व और गर्मी का स्रोत) उपस्थित हैं। अभी तक बृहस्पति ग्रह के 95 चंद्रमाओं के बारे में वैज्ञानिकों को पता चला है, जिनमें ‘यूरोपा’ चौथा सबसे बड़ा चंद्रमा है।
यूरोपा के नीचे है खारे पानी का विशाल महासागर
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि इस बर्फीली पर्पटी के नीचे खारे पानी वाला एक विशाल महासागर है, जिसमें पृथ्वी के महासागरों की तुलना में लगभग दोगुना पानी है। इसके अलावा, ‘यूरोपा’ डेटा से प्राप्त मॉडल से पता चलता है कि इसका समुद्र तल चट्टान के संपर्क में है, जिससे रासायनिक जल-चट्टान संपर्क सक्षम होता है, जो ऊर्जा उत्पन्न करता है, जिससे यह जीवन के लिए प्रमुख संभावित स्थल बन जाता है। साथ ही ‘यूरोपा’ और उसके महासागर का गर्म होना आंशिक रूप से बृहस्पति के चारों ओर चंद्रमा की कक्षा के कारण है, जो ठंडे वातावरण को गर्म करने के लिए ज्वारीय बल पैदा करता है।
इन ग्रहों पर जीवन की संभावनाएं
मंगल
सौर मंडल में जीवन की संभावनाओं का दूसरा प्रमुख ग्रह मंगल है। इस लाल ग्रह पर 2028 में रोजलिंड फ्रैंकलिन रोवर भेजा जायेगा। कहा जाता है कि मंगल ग्रह पर जीवन उसी समय प्रारम्भ हुआ होगा, जब पृथ्वी पर हुआ था, लेकिन फिर जलवायु बदलाव के कारण संभवतः रुक गया।
शनि का चंद्रमा एन्सेलाडस
शनि के चंद्रमा एन्सेलाडस पर भी जीवन की संभावनाएं हैं। यहां कैसिनी-ह्यूजेंस मिशन ने उप-सतह नमकीन महासागर से पानी के ढेर की खोज की है, जो समुद्र के तल पर चट्टान के संपर्क में भी था। वहीं, टाइटन चौथे जगह पर निकटतम उपविजेता है।
जूनो मिशन का दावा
जूनो मिशन बृहस्पति पर अब तक भेजे गये सबसे अच्छे आवेशित कण उपकरणों का दावा करता है। यह सतह पर आवेशित कणों की ऊर्जा, दिशा और संरचना को माप सकता है। शनि और टाइटन पर ऐसे ही उपकरणों से वहां थोलिन (एक प्रकार का कार्बनिक पदार्थ) पाया गया, लेकिन उन्होंने उन कणों को भी मापा, जो टाइटन और एन्सेलाडस के अतिरिक्त शनि के चंद्रमाओं रिया और डायोन पर भी वायुमंडल का संकेत देते थे। इन कणों को पिकअप आयन के रूप में जाना जाता है। ग्रहों के वायुमंडल में तटस्थ कण होते हैं, लेकिन वायुमंडल का शीर्ष सूर्य के प्रकाश में ‘आयनित’ हो जाता है और अन्य कणों के साथ विवाद के माध्यम से, आयन और मुक्त इलेक्ट्रॉन बनाते हैं।