लाइफ स्टाइल

कुत्‍ते के काटने के बाद बिल्‍कुल नहीं करने चाहिए ये 4 काम

Dog Bite: पिछले कुछ वर्षों से कुत्‍तों के काटने के मुद्दे तेजी से बढ़े हैं गाजियाबाद, नोएडा, लखनऊ, दिल्‍ली से लेकर अनेक शहरों में सड़कों पर घूमते आवारा कुत्‍तों ने बच्‍चों से लेकर बड़ों पर हमले किए हैं ऐसे कई मुकदमा आए हैं जब लिफ्ट में पहले से बैठे कुत्‍ते ने बच्‍चे को काट लिया, या पार्क में बैठे बुजुर्ग को कुत्‍तों ने फफेड़ दिया, या फिर पालतू कुत्‍ते ने ही मालिक पर धावा कर घायल कर दिया हालांकि डॉग बाइट के इन केसों के अतिरिक्त एक सबसे बड़ी समस्‍या ये भी है कि कुत्‍ता काटने के बाद रोगी को ठीक तरह से फर्स्‍ट एड नहीं मिल पाता अस्‍पतालों में ऐसे कई रोगी अक्‍सर आते हैं जो कुत्‍ते के काटने वाली स्थान पर स्वयं ट्रीटमेंट करके आए होते हैं कोई घाव में हल्‍दी भर लाता है तो कोई लाल मिर्च पाउडर, कुछ लोग घाव पर मोटी पट्टी बांधकर आते हैं, जिसकी वजह से कुत्‍ते की लार का वायरस कम होने के बजाय रोगी के शरीर के अंदर टिश्‍यूज और ब्‍लड तक पहुंचने लगता है

नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल डिविजन और जूनोसिस डिजीज प्रोग्राम की ओर से नेशनल रेबीज कंट्रोल प्रोग्राम गाइडलाइंस के मुताबिक कुत्‍तों का काटना 100 प्रतिशत खतरनाक है यदि पीड़‍ित को ठीक समय पर ट्रीटमेंट नहीं मिलता है तो उसकी मृत्यु होनी तय है डॉग बाइटिंग को लेकर अक्‍सर ही ढिलाई देखने को मिलती है जिसकी वजह से हर वर्ष बहुत सारे लोगों की मृत्यु हो जाती है इसलिए लोगों को कुत्‍ते के काटने के बाद ये 4 काम बिल्‍कुल नहीं करने चाहिए ऐसा करने से मौतों को रोका जा सकता है

1. घाव के साथ न करें ये काम
नेशनल गाइडलाइंस कहती हैं कि कभी भी कुत्‍ता काट जाए और खरोंच आए या घाव हो जाए तो उसे हाथों से न छूएं उसे पानी से धोते समय भी हाथ न लगाएं, बल्कि सीधी पानी की तेज धार से धोएं

2. न मानें किसी की राय
बहुत सारे लोग कुत्‍ता काटे के जहर को कम करने के लिए घाव पर कुछ इरिटेंट जैसे नमक, हल्‍दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, नीबू, खड़‍िया या मिट्टी लगाने की राय देते हैं ऐसी किसी भी राय को बिल्‍कुल न मानें अस्‍पतालों में आने वाले कुछ लोग पीपल के पत्‍ते से भी घाव को ढककर आते हैं लेकिन ये सभी चीजें खराब हैं कुत्‍ता काटे के घाव पर कोई पट्टी भी न बांधें, उसे खुला ही छोड़ दें

3. खाने में न दें ये सब्जियां
कुत्‍ता काट जाए तो रोगी को कुछ चीजों का परहेज भी करने की राय दी जाती है ऐसा इसलिए किया जाता है क्‍योंकि रेबीज के वायरस को बढ़ने में ये चीजें साथ देती हैं कुछ सब्जियां जैसे आलू, टमाटर, धनिया आदि रोगी को खाने के लिए न दें इसके अतिरिक्त तला भुना या मिर्च मसालेदार चीजें जैसे चिप्‍स, पापड़, अचार, बाहर के जंक फूड आदि कोई भी चीज रोगी को न खाने के लिए दें इनसे रोगी में चिड़चिड़ापन बढ़ता है

4. नॉनवेज से बना लें दूरी
डॉक्‍टरों की मानें तो कुत्‍ते के द्वारा काटे गए पीड़‍ित को मीट या चिकन आदि नॉनवेज चीजें खाने के लिए न दें उसे साधारण दाल और रोटी ही दें नॉनवेज भी रेबीज से बचाव में हानिकारक है

क्‍या कहते हैं आंकड़े
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के आंकड़ों के मुताबिक हिंदुस्तान में हर वर्ष 60-70 लाख एनिमल बाइट्स के मुकदमा आते हैं इनमें 95 प्रतिशत मुद्दे डॉग बाइट के होते हैं जबकि केवल दो प्रतिशत बिल्‍ली के और बाकी बचे हुए बंदर, खरगोश आदि के होते हैं

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