लाइफ स्टाइल

150 सालों से मशहूर ये गोलगप्पे जिसके दीवाने थे पंडित नेहरू जानें इसकी खासियत

भारत में ऐसी कोई स्थान नहीं, जहां गोलगप्पे बनाए और बेचे जाते न हों गोल गप्पा एक ऐसा स्ट्रीट फूड है, जो आपको हर गली नुक्कड़ पर दिखाई देगा आप सभी गोलगप्पे लवर्स को गोलगप्पे खाना तो बहुत पसन्द होगा लेकिन क्या रामपुर में 150 वर्ष पुराने गोलगप्पे बनाने वाले हाथों का स्वाद आपने चखा है? यदि नहीं तो आइए आज हम आपको बताते हैं 150 वर्ष से बन रहे फेमस गोलगप्पे की रोचक कहानी…

रामपुर में यदि आप गोलगप्पे का जायका लेना चाहते हैं तो मोहल्ला छीतियान पुराना गंज में पंडित जी के गोलगप्पे बहुत खास हैं जितने टेस्टी इनके गोलगप्पे हैं उतनी ही रोचक इनकी कहानी भी है वैसे तो रामपुर शहर में अनेक इलाकों में गोलगप्पे या पानीपुरी बेचे जाते होंगे लेकिन पुराना गंज छीतियांन मोहल्ला पंडित जी के गोलगप्पे के नाम से फेमस है

यह उनका परिवारिक काम
दुकानदार अनिल कुमार के अनुसार यह उनका परिवारिक काम हैआजादी से पहले से ही इनके दादा और पिता जी गोलगप्पे बनाया करते थे अब इनको भी गोलगप्पे बनाते हुए 50 वर्ष से अधिक हो गए साथ ही पंडित जी ने कहा कि जब पिताजी रामलीला के दौरान मेले में गोलगप्पे बेच रहे थे तब पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनकें पिता जी के हाथ के बने गोलगप्पे का स्वाद चखा था जो कि नेहरू जी को बहुत पसंद आये थे जिसके बाद खुश होकर नेहरू जी ने इनके पिता जी को एक शील्ड भी भेंट की थी

खास ढंग से तीखा पानी तैयार किया जाता
गोलगप्पे के पानी को चटकारेदार बनाने के लिए परंम्परागत ढंग से सील से पीसे जीरा, काला नमक, पुदीना, खटाई, टांटरी और हींग मिलाकर बहुत खास ढंग से तीखा पानी तैयार किया जाता है इसके अतिरिक्त गोलगप्पे में इस्तेमाल होने वाले मसालो को वह स्वयं घर पर तैयार करते है जो नुख्सा उनके दादा और पिता जी अपनाते थे ठीक उसी प्रकार से घर की बनाई हुई देशी मीठी चटनी छोटे आकार वाले छोले और दही लगाकर मीठे और चटपटे दो प्रकार के गोलगप्पे तैयार किये जाते है

Related Articles

Back to top button