लाइफ स्टाइल

भारत के इन राज्यों की एक या दो नहीं बल्कि है तीन-तीन राजधानियां

लाइफस्टाइल आपने इतिहास में कई बार पढ़ा होगा कि पहले हर राज्य में एक से अधिक राजधानी होती थी, लेकिन क्या आज भी ऐसा ही है? तो हमारा उत्तर है हां, आज भी राष्ट्र में कई ऐसे राज्य हैं, जिनकी एक से अधिक राजधानी हैं इसके बजाय एक नहीं बल्कि दो या तीन राजधानियां हैं यह आपको थोड़ा अजीब लग सकता है, लेकिन यह एकदम सच है आइए आपको बताते हैं उन राज्यों और उनकी राजधानियों के बारे में जिनके बारे में आप पहले से जानते होंगे

हिमाचल प्रदेश
आपने हिमाचल प्रदेश का खूब भ्रमण किया होगा, यहां की सभी अद्भुत जगहें लोगों का दिल जीत लेती हैं इतना ही नहीं लोग यहां गर्मी के साथ-साथ ठंड का मजा लेने आते हैं आपको बता दें कि हिमाचल प्रदेश की दो राजधानियां हैं पहली राजधानी शिमला और दूसरी धर्मशाला है जी हां, शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी और धरशाला को शीतकालीन राजधानी माना जाता है बोला जाता है कि ब्रिटिश काल में ये दोनों राजधानियां हिमाचल प्रदेश की राजधानियां थीं

उत्तराखंड
उत्तराखंड भी घूमने के लिए बहुत खूबसूरत स्थान है इस राज्य को देवताओं की भूमि के रूप में भी जाना जाता है यह जगहसिर्फ़ अपने धार्मिक आकर्षणों के लिए बल्कि अपने कई मशहूर और ऑफबीट पर्यटन स्थलों के लिए भी जाना जाता है उत्तराखंड भी एक ऐसी स्थान है जिसकी दो राजधानियां हैं देहरादून और गेर्सैन गेर्सैन गर्मियों में राजधानी और सर्दियों में देहरादून है बोला जाता है कि दोनों राजधानियों का निर्माण इसलिए किया गया ताकि वे दूर से आने वाले लोगों से सरलता से जुड़ सकें

महाराष्ट्र

आप सभी जानते हैं कि महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई है और यह देखने में भी बहुत ही आश्चर्यजनक है, लेकिन महाराष्ट्र की एक और राजधानी है, जिसे नागपुर के नाम से जाना जाता है नागपुर को शीतकालीन राजधानी माना जाता है बोला जाता है कि साल 1953 में एक सियासी समझौता हुआ था जिसके अनुसार नागपुर को शीतकालीन राजधानी घोषित किया गया था

आंध्र प्रदेश

आंध्र प्रदेश अपने द्रविड़ शैली के मंदिरों के लिए मशहूर है, इसमें कई प्राचीन मंदिर भी हैं जिनके लिए यह राज्य मशहूर है लेकिन एक और चीज है जिसके लिए आंध्र प्रदेश जाना जाता है और वह है इसकी राजधानियां, जो एक नहीं बल्कि कई हैं आंध्र प्रदेश की राजधानी पहले हैदराबाद थी और अब अमरावती है इतना ही नहीं, आंध्र प्रदेश विधानसभा में साल 2020 में ही एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था, जिसमें विशाखापत्तनम को कार्यकारी राजधानी और कुरनूल को न्यायिक राजधानी बनाने का प्रस्ताव था

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